Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर (Gorakhpur) में बीते दो-तीन दिन से हो रही आफत की बारिश (Rain) ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. सरयू (घाघरा) और रोहिन के बाद राप्ती नदी भी तेजी से बढ़ते हुए डेंजर लेवल को क्रॉस कर गई है. गोरखपुर में आई बाढ़ से जहां खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है, वहीं 56 गांव और 5 हजार के करीब आबादी प्रभावित हुई है. गांववालों की मदद के लिए 22 छोटी-बड़ी नाव लगाई गई हैं.
लोगों को बांटी जा रही राहत सामग्री
वहीं राहत सामग्री के वितरण के साथ मनुष्य और मवेशियों के उपचार के लिए चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं. खाद्यान्न और चारे की व्यवस्था के साथ शुद्ध पेयजल भी उपलब्ध कराया गया है. ग्रामीणों और बच्चों को नदी और जलजमाव वाले क्षेत्र में जाने से मना किया गया है. इसके साथ ही गांव में मुनादी भी कराई जा रही है. ग्रामीण इलाकों में फसलों के नुकसान का एडीएम फाइनेंस राजेश कुमार सिंह ने जायजा लिया.
बाढ़ से 56 गांव प्रभावित
पूर्वी यूपी में बीते 2 से 3 दिनों से लगातार हो रही बारिश का असर दिखाई दे रहा है. नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में भी बारिश से वर्षा का जल पूर्वी यूपी के तराई बेल्ट में पहुंच रहा है. यही वजह है कि अचानक से नदियां उफान पर आ गई हैं. गोरखपुर में सरयू और रोहिन नदी के बाद अब राप्ती ने भी डेंजर लेवल पार कर लिया है और तेजी से ऊपर की ओर बढ़ रही है. किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन के साथ आपदा प्रबंधन विभाग, बाढ़ चौकियां और एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीम को अलर्ट कर दिया गया है.
भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से गोरखपुर के कैंपियरगंज, सदर और सहजनवा में कुल 56 गांव और 4,765 की आबादी प्रभावित हुए हैं. सर्वाधिक कैंपियरगंज में 52 गांव प्रभावित हैं. 1781.31 हेक्टेयर क्षेत्रफल बाढ़ के चपेट में है. सरयू (घाघरा) अयोध्या पुल पर खतरा बिंदु 92.73 से 0.24 आरएल मीटर ऊपर 92.97 पर बह रही है.
खतरे के निशान से ऊपर बह रही सरयू, राप्ती, रोहिन
तुर्तीपार में सरयू खतरा बिंदु 64.01 से 0.35 आरएल मीटर ऊपर 64.36 पर बह रही है. गोरखपुर के त्रिमुहानी घाट पर रोहिन खतरे के निशान को पार चुकी है. रोहिन खतरा बिंदु 64.01 से 1.13 आरएल मीटर ऊपर 83.57 आरएल मीटर पर बह रही है. रोहिन तेजी के साथ चढ़ान पर है. राप्ती नदी बर्डघाट पर खतरा बिंदु 74.98 से 0.19 आरएल मीटर ऊपर 75.17 आरएल मीटर पर बह रही है. राप्ती भी तेजी से चढ़ान पर है. कुआनो और गुर्रा नदियां भी तेजी के साथ चढ़ान पर हैं. हालांकि इनसे खतरा कम है, क्योंकि ये नदियां अभी खतरे के निशान से डेढ़ से दो मीटर नीचे बह रही हैं.
अधिकारियों ने किया गांवों का दौरा
गोरखपुर के एडीएम फाइनेंस और आपदा के प्रभारी अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने प्रभावित गांवों का दौरा किया. इसके साथ ही मुनादी भी करवाई. राजेश कुमार सिंह और जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि विगत दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से नदियां उफान पर हैं. घाघरा और रोहिन के साथ राप्ती भी खतरे के निशान को पार कर गई है और तेजी के साथ बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि बाढ़ से कुल 52 गांव प्रभावित हैं. रविवार की शाम 4:00 बजे तक की अपडेट के अनुसार कैंपियरगंज में 52, सदर में 2 और सहजनवां में 2 गांव प्रभावित हुए हैं. हालांकि अभी गांव के अंदर पानी नहीं पहुंच पाया है.
राहत व बाचव कार्य के लिए लगाई गई टीमें
राहत और बचाव कार्य के लिए 22 छोटी-बड़ी नाव लगाई गई हैं. उन्होंने बताया कि राहत और बचाव कार्य के साथ एनडीआरएफ एसडीआरएफ की टीम भी लगी हुई है. उन्होंने कहा कि पीड़ितों को राशन के साथ सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है. जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी आलाधिकारी हालातों पर नजर बनाए हुए हैं. मवेशियों के चारे की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है. ग्रामीणों और खासकर बच्चों को नदी और पानी गिरे हुए गड्ढे के आस-पास जाने से मना किया गया है. किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए गांव में मुनादी भी कराई जा रही है. जिला प्रशासन राहत और बचाव के लिए पूरी तरह से तैयार है.
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