UP Religious Conversion: खुद को पूर्व प्रधानमंत्री के खानदान का बताता है धर्मांतरण करने का आरोपी उमर गौतम
उमर गौतम मूलरूप से फतेहपुर के थरियांव थाने के रमवां पंथुआ गांव का निवासी है. उमर ने साल 1984 में 20 साल की आयु में नैनीताल में धर्मांतरण कर लिया था.
लखनऊ: एटीएस ने सोमवार को धर्मांतरण के मामले में जिस मोहम्मद उमर को गिरफ्तार किया है, वह खुद को पूर्व प्रधानमंत्री के खानदान का होने का दावा कर रहा है. उमर गौतम मूलरूप से फतेहपुर के थरियांव थाने के रमवां पंथुआ गांव का निवासी है. उसका नाम श्याम प्रताप सिंह गौतम था. वह राजपूत परिवार से है. उसने एटीएस से दावा किया है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के खानदान का है जिसकी सच्चाई जानने के लिए फतेहपुर पुलिस से संपर्क किया जा रहा है.
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक उमर के पिता धनराज सिंह एडीओ पंचायत पद से सेवानिवृत्त थे. उसने कक्षा एक से आठ तक की शिक्षा रमवां परिषदीय स्कूल से ली और कक्षा नौ से 12 तक की पढ़ाई सर्वोदय इंटर कालेज गोपालगंज से पूरी की थी. पढ़ाई-लिखाई में होशियार होने पर पिता ने उसको बीएससी एजी की पढ़ाई के लिए जीबी पंत कृषि प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय उत्तराखंड भेजा. वहां नैनीताल में हास्टल में रहने के दौरान उसके पैर में चोट लग गई थी और बगल के कमरे में रहने वाले मुस्लिम छात्र ने उसकी मदद की थी. वह उमर को अपनी साइकिल पर बैठाकर डाक्टर के पास ले गया. उक्त छात्र अक्सर उसे मस्जिद भी ले जाता था. इस दौरान उमर ने हिंदी में कुरान पढ़ी और उससे प्रभावित हो गया. उमर ने साल 1984 में 20 साल की आयु में नैनीताल में ही धर्मांतरण कर लिया था.
एटीएस उमर के बारे में छोटी से छोटी जानकारी जुटा रही है
उमर के 5 भाई हैं. उसने जिले के ही गाजीपुर थानाक्षेत्र के खेसहन गांव में क्षत्रिय परिवार में राजेश कुमारी से शादी की थी. यह भी चर्चा है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान भी उसने एक मुस्लिम युवती से निकाह पढ़ लिया था. उमर की पहली पत्नी राजेश कुमारी के परिवार के सदस्यों को उसके मुस्लिम धर्म अपनाने का पता चला तो काफी बवाल हुआ था. हालांकि, दोनों के बीच समझौता हुआ कि राजेश कुमारी और उसके बच्चे धर्म परिवर्तन नही कराएंगे.
हालांकि कुछ समय बाद उमर पत्नी और दोनों बच्चों को लेकर दिल्ली चला गया और वहां उनका धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें भी मुस्लिम बना दिया. पत्नी का नाम उसने रजिया रखा जबकि बेटी का नाम तकदीश फातिमा और बेटे का नाम आदिल उमर करा दिया. दिल्ली में ही उसने इस्लामिक दावा सेंटर खोलकर हिंदुओं को फुसलाकर मुस्लिम बनाने का काम शुरू किया. एटीएस के अधिकारियों का कहना है कि धर्मांतरण की जानकारी के बाद उमर के पिता ने पांच अन्य बेटों से राय-मशविरा कर उसे परिवार से बेदखल कर दिया था. एटीएस उमर के बारे में छोटी से छोटी जानकारी जुटा रही है.
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