UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के नजूल लैंड एक्ट को लेकर लोग डर व दहशत में है. सरकार की तरफ से अभी भले ही आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं होने देने की बात कही जा रही हो, लेकिन नजूल की जमीन पर मकान बनाकर पीढ़ियों से रहने वाले लोगों को इस बात की आशंका सता रही है कि बिल पास होने के बाद सरकार कभी भी उन्हें बेदखल कर सकती है. उनके आशियाने छीन सकती है और उनके मकानों पर बुलडोजर चला सकती है.


आम लोगों के साथ ही संगम नगरी प्रयागराज के लूकरगंज इलाके में रहने वाले रिटायर्ड जिला जज रमेश शंकर को भी अपने घर को लेकर चिंता सताने लगी है. उन्होंने भी अपनी गाढ़ी कमाई से शहर के लूकरगंज इलाके में छोटा सा मकान बनाया हुआ है. पत्नी के साथ यहीं रहते हैं. उनका यह मकान भी नजूल की जमीन पर है. हालांकि उन्होंने फ्री होल्ड कराने की काफी कोशिश की, लेकिन जज होने के बावजूद उन्हें कामयाबी नहीं मिली.


उन्हें अब इस बात का डर सता रहा है कि कानून बनने के बाद कहीं सरकार उनके सिर की छत न छीन ले. रमेश शंकर का कहना है कि योगी सरकार को बुलडोजर बहुत पसंद है. उनके मुताबिक सरकार अभी भले ही कोई कदम न उठाने का दावा कर रही हो, लेकिन यह बिल अनायास ही नहीं लाया गया है. सीएम योगी को बुलडोजर इतनी पापुलैरिटी दिला चुका है कि वह इसे इस्तेमाल करते रहेंगे. आने वाले दिनों में खुद उनके और नजूल की जमीनों पर बसे दूसरे लोगों के घरों पर भी योगी सरकार का बुलडोजर गरज सकता है. इसलिए जब से विधानसभा में बिल पास हुआ है, तब से डर लगने लगा है। यह सामान्य बात नहीं है.


रिटायर्ड जिला जज रमेश शंकर के मुताबिक वह मिडिल क्लास परिवार से हैं. अगर नजूल की जमीन पर बना मकान छिन गया तो उनके पास सर छुपाने की भी कोई जगह नहीं रहेगी, क्योंकि परिवार में यहां सिर्फ पत्नी ही साथ रहती हैं. उन्होंने योगी सरकार से मांग की है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए जो लोग नजूल की जमीनों पर रह रहे हैं, उनसे एक फीस लेकर मालिकाना हक दिया जाए और किसी भी जरूरतमंद के सर से छत न छीनी जाए. उन्होंने यह सुझाव भी दिया है कि अगर कोई कानून बनाना भी है तो उसे छोटा सा घर बनाकर जिंदगी गुजरने वाले लोगों पर लागू न किया जाए, बल्कि ऐसे लोगों की जमीन ली जाए, जिनके पास जरूरत से ज्यादा है. 


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