यूपी के इन बस अड्डों से दो साल तक नहीं मिलेंगी बसें, जानें- अब कहां इंतजाम करेगा UPSRTC
UP Bus Station: यूपी में 23 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल के आधार पर स्वतंत्र कंपनियों के साथ मिलकर आधुनिकरण किया जाएगा. जिसकी वजह से अगले डेढ़ से दो सालों तक यात्रियों को परेशानी हो सकती है.
UP Bus Station Modernisation: उत्तर प्रदेश में 23 बस अड्डों का आधुनिकीकरण और पुनर्निमाण किया जा रहा है. ये आधुनिकीकरण अगले दो सालों में पीपीपी मॉडल के तहत किया जा रहा है, लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर आधुनिकीकरण के बाद आने वाले महीनों राज्यभर के कई बस अड्डों पर ये काम शुरू होने जा रहा है. जिसकी वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
अकेले लखनऊ की बात करें तो मुख्य बस अड्डा चारबाग करें तो यहां हो रहे आधुनिकीकरण की वजह से करीब 350 बसें और 5,000 यात्री प्रभावित होने का अनुमान है. जब तक इन बस अड्डों का निर्माण कार्य होगा. तब तक आसपास वैकल्पिक स्थान पर टेंपरेरी बस अड्डा बनाया जाएगा, जहां से बसे चलेंगी. चारबाग के बाद जल्द ही रायबरेली में भी आधुनिक बस अड्डों का काम शुरू हो जाएगा.
23 बस अड्डों का होगा आधुनिकीकरण
इससे पहले यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने ऐलान किया था कि यूपी में 23 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल के आधार पर स्वतंत्र कंपनियों के साथ मिलकर आधुनिकरण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि लखनऊ डिवीजन में ही दो बस अड्डों और दो वर्कशॉप का आधुनिकीकरण किया जाना है. इनमें चारबाग और रायबरेली के बस अड्डों के साथ गोमती नगर और अमौसी की वर्कशॉप शामिल हैं.
यूपीएसआरटीसी लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने कहा कि रायबरेली बस अड्डे से ही 300 से अधिक रोडवेज़ बसों को संचालन होता है. जिनमें रोजाना 3000 से 4000 यात्री सफर करते हैं. लेकिन आने वाले समय में उन्हें वैकल्पिक स्थान से बस पकड़नी होंगी. यात्रियों को अगले डेढ़ से दो साल परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
यूपीएसआरटीसी के महाप्रबंधक (पीपीपी प्रोजेक्ट) यजुवेंद्र कुमार ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अगले कुछ हफ्तों में ऐसी ग्यारह परियोजनाओं को शुरू किया जाएगा. इस संबंध में पहले ही जानकारी दी जा चुकी है. इन ग्यारह परियोजनाओं में चार लखनऊ डिवीजन, गाजियाबाद, कौशांबी, प्रयागराज और आगरा बस अड्डा शामिल है. बस अड्डों के आधुनिकीकरण के चलते यात्रियों को नए बस अड्डों के साथ तालमेल बिठाना होगा. हालांकि पुनर्निर्माण कार्य होने के बाद वे नई सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे.