UP Roadways Strike: नए साल के पहले दिन यूपी की जनता का हाल बेहाल, रोडवेज बस-ट्रक चालकों ने किया चक्का जाम
UP New Motor Vehicle Act Protest: राजधानी लखनऊ समेत यूपी के अलग-अलग जिलों में बस चालकों की हड़ताल के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ये हड़ताल हिट एंड रन के नए कानून के कारण हो रही है.
UP Roadways Bus Strike: पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए सड़क कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ समेत अलग-अलग जिलों में आज प्रदर्शन देखने को मिला. देश दुनिया में लोग भले आज साल के पहले दिन जश्न मना रहे हों, लेकिन एक तबका ऐसा भी है जिसका साल का पहला दिन विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम से शुरू हुआ है. लखनऊ में ट्रक ड्राइवर, बस ड्राइवर्स, टूर एंड ट्रेवल्स वाले, रोडवेज कर्मियों ने हड़ताल शुरू कर दी.
लखनऊ में कैसरबाग बस डिपो में ड्राइवर ने बसें खड़ी कर दीं. जिस कारण लखनऊ के आसपास के जिले जैसे कि लखीमपुर, हरदोई, सीतापुर जाने वाली यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा तो वहीं राजधानी लखनऊ के दूसरे बस अड्डे आलमबाग पर भी यात्रियों को ऐसे ही परेशानी का सबब उठाना पड़ा और पैदल ही आगे की तरफ बढ़ना पड़ा.
यूपी के जिलों में ऐसा रहा हड़ताल का असर
यूपी के अन्य जिलों की बात करें तो कानपुर में भी ऐसी स्थिति देखने को मिली. वहां टेंपो स्टैंड में पूरी तरह से चक्का जाम हो गया. जिसके बाद रोजाना सफर करने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. ऑटो, टेंपो न चलने के कारण लोगों को ऑफिस, स्कूल, कॉलेज जाने में काफी देरी हुई.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करने वालों को हुई परेशानी
ऐसे ही तस्वीर उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा, गोरखपुर, झांसी, समेत अलग-अलग जिलों में देखने को मिली. जहां बस, टैक्सी ड्राइवरों ने अपनी गाड़ियां चलाने से आज मना कर दिया. कई जगहों पर सड़क पर चक्का जाम किया. कई जगहों पर पूरी तरीके से हड़ताल कर दी. आने जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और नए साल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करने वाले लोगों को काफी परेशानी हुई.
क्यों हो रहा है विरोध?
बता दें कि ये सारा विवाद हिट एंड रन को लेकर आए नए कानून के कारण है. पिछले दिनों हिट एंड रन को लेकर केंद्र सरकार नया कानून लेकर के आई है. इसके मुताबिक अभी तक जिस हिट एंड रन के मामले में ड्राइवर को थाने से जमानत हो जाती थी और मात्र 2 साल की सजा का प्रावधान था. अब उसी में वाहन चालक को अधिकतम 10 साल की सजा के साथ ही 7 लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान हो गया है. जिस कारण सभी तरफ से इसका विरोध हो रहा है.
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