(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kanpur News: यूपी में RTO की वेबसाइट ठप, लाइसेंस रजिस्ट्रेशन के लिए लोग परेशान, दफ्तरों में लगी भीड़
UP RTO Website: RTO वेबसाइट की इस तकनीकी समस्या का निपटारा किए जाने की कोशिश की जा रही है. संभागीय परिवहन अधिकारी राजेश सिंह इस समस्या के लिए टेक्निकल डिपार्टमेंट की मदद भी ले रहे हैं.
UP RTO Website: उत्तर प्रदेश में संभागीय परिवहन की वेबसाइट की टेक्निकल प्रॉब्लम ने हजारों लोगों की समस्या बढ़ा दी है. संभागीय परिवहन विभाग में काम के लिए रोजाना हजारों लोग कार्यालय के चक्कर लगाते हैं. तो वहीं बड़ी संख्या में लोग ऑनलाइन ही अपने काम कर लेते है, लेकिन तकनीकी समस्या के चलते वेबसाइट काम नहीं कर रही है, जिससे दफ्तरों में भीड़ बढ़ती जा रही है.
इस वेबसाइट के ज़रिए अक्सर नए लाइसेंस को बनवाने और लर्निंग लाइसेंस को परमानेंट कराने वालों के अलावा रजिस्ट्रेशन, फिटनेस और अन्य कई तरह के काम ऑनलाइन ही निपट जाते जाते हैं. जब से कागजों पर होने वाले काम ऑनलाइन और वेबसाइटों के जरिए होने लगे है तब से कुछ भी मैनुअली नही रह गया और सुविधाओं के इस दौर में टेक्नोलॉजी ने लोगों को आराम भी कर दिया है लेकिन, अब संभागीय परिवहन विभाग की वेबसाइट में अचानक ही कुछ तकनीकी दिक्कतें आ गई है जिसके चलते ऑनलाइन किए जाने वाले सभी काम बीच मझधार में अटक हैं
वेबसाइट में आई तकनीकी खराबी
दरअसल कानपुर सहित कानपुर देहात के संभागीय परिवहन विभाग में पिछले कई दिनों से काम काज ठप चल है और काम कराने वालों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में वेबसाइट न चलने से सब मानों ठहर सा गया है. यहां तक कि प्रवर्तन दल की ओर से किए जा रहे वाहनों के चालान भी अधर में अटके हैं और वो वेबसाइट पर नहीं चढ़ पा रहे हैं.
आम लोगों को हो रही है परेशानी
इस तकनीकी समस्या का निबटारा किए जाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिल पाई है. संभागीय परिवहन अधिकारी राजेश सिंह इस समस्या के लिए टेक्निकल डिपार्टमेंट की मदद भी ले रहे हैं और उनका कहना है की जल्द ही इस समस्या से आराम मिल जायेगा और पहले की तरह कार्यालयों के साथ-साथ ऑनलाइन काम अपने रूटीन पर आ जाएगा.
इस बीच वेबसाइट ख़राबी की वजह से विभाग को तो नुकसान उठाना पड़ रहा है और साथ ही काम कराने वालों को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को कहना है कि न तो ऑनलाइन उनकी परेशानी का हल हो रहा है और न ही दफ़्तर आने को कोई फ़ायदा हो पा रहा है.