कौशांबी सांसद पुष्पेंद्र सरोज का दावा- चुनाव के समय मेरे हाथों से पर्चा नहीं लिया क्योंकि मैं दलित हूं
Pushpendra Saroj: सपा सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने आज पहली बार लोकसभा में अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने दावा किया कि चुनाव के समय दलित होने की वजह से उनके हाथ से पर्चा नहीं लिया गया.

Pushpendra Saroj: उत्तर प्रदेश की कौशांबी सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने आज पहली बार लोकसभा में अपनी बात रखी. सपा सांसद ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी बात कहते हुए दलितों पर हो रहे अत्याचार और भेदभाव के मुद्दे को उठाया. यही नहीं उन्होंने दावा किया जब वो खुद लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे तो पर्चा भरते वक्त उनके हाथ से पर्चा नहीं लिया गया क्योंकि वो दलित समाज से आते हैं.
सपा सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने लोकसभा में महाकुंभ हादसे से अपने स्पीच की शुरुआत की और पूछा कि राष्ट्रपति महोदया ने कुंभ में मरने वाले लोगों को जो श्रद्धाजंलि दी है वो सिर्फ उनको दी जिनके आंकड़े दिए गए हैं या फिर जो 700 से ज्यादा लोगों की मौतों का दावा किया जा रहा है उन्हें भी श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने कहा कि सरकार खुद को गरीब का रखवाला कहती है लेकिन उनका भला नहीं करती. देश के सिर्फ एक फीसद लोगों का देश की 40 फीसद संपत्ति पर कब्जा है.
सपा सांसद ने लगाए आरोप
पुष्पेंद्र सरोज ने कहा कि हमारे विश्व गुरू भारत में 80 करोड़ लोगों को राशन दिया जा रहा है. बच्चों में कुपोषण की संख्या 35 फीसद तक पहुँच गया है. देश के गरीब तबके में अलार्मिंग सिचुएशन पैदा हो गई है बावजूद इसके सरकार का ध्यान बड़े-बड़े आयोजनों की तरफ है. जबकि गरीब अपने हालात से खुद लड़ने को मजबूर है. ये सरकार अमीरों के लिए काम कर ही है.
मैं खुद दलित समाज से आता हूं, मैं जब चुनाव लड़ने गया मेरे हाथों से पर्चा नहीं लिया गया, ये इस समाज की हालत है। pic.twitter.com/DGiyIhaJjq
— Pushpendra Saroj (@pushpendra_sapa) February 4, 2025
दलित होने की वजह से हाथ से नहीं लिया पर्चा
इस दौरान सपा सांसद ने महिलाओं की सुरक्षा से लेकर बेरोजगारी तक के मुद्दे पर भी सवाल किया. अपनी बात के आख़िर में उन्होंने कहा कि वो मुसलमान और दलितों के साथ बढ़ते हुए अत्याचार, भेदभाव और हेट स्पीच पर भी बात करना चाहता हैं. सपा सांसद ने कहा कि यूपी में खासतौर से बीजेपी शासित राज्यों में मुस्लिमों को अपना नाम लिखने पर मजबूर किया गया. मैं खुद दलित समाज से आता है. मैं जब इलेक्शन लड़ने गया तो मेरे हाथों से पर्चा नहीं लिया गया. क्योंकि मैं दलित समाज से आता हूं. ये आज समाज की हालत हैं. हमको वो भारत चाहिए जहां सब चैन-अमन और शांति से रहें.
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