UP Politics: समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए जाने का सिलसिला थम नहीं रहा है. शिवपाल यादव और आजम खान ने इशारों में अखिलेश से नाराजगी जताई थी. अब पार्टी के वरिष्ठ नेता और निवर्तमान राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है. रेवती रमण ने साफ तौर पर कहा है कि समाजवादी पार्टी में मुलायम का दौर खत्म हो चुका है. अब नई सपा लगातार हार का सामना कर रही है.


अखिलेश यादव को विश्लेषण करना चाहिए कि पार्टी को लगातार हार का सामना क्यों करना पड़ रहा है? अखिलेश को किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए कि आखिरकार गलती कहां हो रही है? कुंवर रेवती रमण आठ बार के विधायक और तीन बार सांसद रहे हैं. राज्यसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद से दुखी हैं. आरोप है कि अखिलेश यादव ने टिकट काटने के बारे में बातचीत तक नहीं की. रमण का कहना है कि भरोसे में लिए बिना सीधे फैसला ले लिया. विधायकों की पर्याप्त संख्या होने पर फिर से राज्यसभा भेजने का अखिलेश ने कई बार वायदा किया था. रेवती रमण फिलहाल समाजवादी पार्टी में हैं, लेकिन आगे कहां जाएंगे और क्या करेंगे, इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कह सकते.


राजनीति में संभावनाओं के द्वार हमेशा खुले-रेवती रमण


एबीपी न्यूज संवाददाता मोहम्मद मोईन से एक्सक्लूसिव बातचीत में रेवती रमण ने कई बार दोहराया कि राजनीति में संभावनाओं के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं. आगे राजनीति में क्या करेंगे, समाजवादी पार्टी में कब तक बने रहेंगे, किसी दूसरी पार्टी में कब जाएंगे और बीजेपी समेत किन पार्टियों से ऑफर है, इन सभी सवालों के जवाब उन्होंने खुलकर तो नहीं दिए, लेकिन इतना जरूर कहा कि सही समय आने पर सही फैसला लेंगे. उन्होंने दोहराया कि टिकट काटे जाने के तरीके से दुखी हैं और आगे कोई भी कदम उठा सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि समर्थक अखिलेश यादव के फैसले से आहत होकर पार्टी छोड़ रहे हैं. रमण जल्द ही कार्यकर्ताओं और समर्थकों की एक बड़ी बैठक बुलाएंगे और सभी से राय मशविरा कर आगे की राजनीति के बारे में कोई फैसला करेंगे.


उन्होंने कहा कि अगर आज नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव सही स्थिति में होते तो पार्टी में ये सब न होता. रेवती रमण का कहना है कि राज्यसभा के चेयरमैन ने कई बार उनकी तारीफ की थी. उन्होंने खुद भी हमेशा सपा का नाम रोशन किया है. ऐसे में भविष्य में कौन सी सियासी परिस्थितियां बनेंगी और क्या कदम उठाएंगे, इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकते. लेकिन उन्होंने अब हरेक संभावनाओं के दरवाजे खुले रखे हैं. उन्होंने बताया कि शिवपाल यादव से भी बातचीत हुई है. टिकट कटने या पार्टी में बने रहने के मसले पर अखिलेश यादव से बातचीत को तैयार हैं. उन्होंने जरूर कहा कि फिलहाल किसी दूसरी पार्टी से कोई बातचीत नहीं हुई है और न ही कोई ऑफर है.


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30 साल पुरानी पार्टी को क्या कह सकते हैं अलविदा?


अगर पार्टी छोड़ने की नौबत आती है तो अपनी पसंद के बजाय कार्यकर्ताओं और समर्थकों की राय को तरजीह देंगे. रेवती रमण ने अखिलेश यादव से नाराजगी जताई और आगे कोई भी सियासी फैसला लेने और संभावनाओं के दरवाजे खुले होने की बात कबूली. साफ है कि अब बहुत दिनों तक रमण अखिलेश यादव के साथ नहीं रहने वाले हैं और जल्द ही कोई नया ठौर तलाश सकते हैं. चर्चा इस बात की है कि बीजेपी के कई बड़े नेताओं से बातचीत चल रही है और उचित समय पर तीस साल पुरानी पार्टी को टाटा कर सकते हैं. रेवती रमण की गिनती समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेताओं में होती है. ऐसे में रमण का पार्टी छोड़ना अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका होगा. 


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