Basti News: विभिन्न बैराजों से छोड़े गए करीब 4.70 लाख क्यूसेक पानी और लगातार हो रही बारिश से सरयू नदी (Saryu River) एक बार फिर उफान पर है. सरयू के बढ़ते जलस्तर को देखकर किनारों पर बसे गांवों के ग्रामीणों की नींद उड़ गई है. बता दें कि शनिवार की सुबह से ही नदी के जलस्तर का बढ़ना जारी है और रविवार की सुबह सरयू खतरे के निशान को पार कर गई. केंद्रीय जल आयोग अयोध्या के अनुसार सरयू  खतरे के निशान 92.73 से 22 सेंटीमीटर ऊपर प्रवाहित हो रही है जिसके चलते एक बार फिर सुविकाबाबू (Suvikababu) और कुर्मियाना (Kurmiana) गांव चारों तरफ से पानी से घिर गए हैं.


गांव वालों में दहशत का माहौल


लगातार बढ़ते पानी के कारण गांव वालों में दहशत का माहौल है, आवागमन के लिए लोग नाव का सहारा ले रहे हैं. वहीं, सुविकाबाबू के लेखपाल ने बताया की गांवों वालों की सुविधा के लिए 7 नाव लगाई गई हैं. उन्होंने कहा कि विशुनदासपुर की अनुसूचित बस्ती, टेढवा, भूअरिया, अशोकपुर ग्राम पंचायत के कई पुरवों की तरफ पानी तेजी से फैल रहा है. जलस्तर बढ़ने से अतिसंवेदनशील तटबंध कटारिया चांदपुर व गौरा सैफाबाद तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ गया है.


खंलवा गांव के निकट बने ठोकर पर पानी का दबाव बढ़ा है, यहां बाढ़ खंड ईट से भरी बोरियां कटान रोकने के लिए डलवा रहा है. वहीं अब तक लगातार प्रभावित गांव कुर्मीआना के बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री नहीं मिली है. सुविकाबाबू गांव के किसान अपनी फसल को लेकर काफी चिंतत दिख रहे हैं. गांव के एक किसान जीतमल कहते हैं कि अब जो बची हुई फसल है वो भी नहीं होगी.


बाढ़ प्रभावित गांवों में बढ़ा संक्रामक बीमारियों का खतरा


बाढ़ प्रभावित गांवों में संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है, इसके अलावा पशु चारे का संकट खड़ा हो गया है. वहीं अधिशाषी अभियंता दिनेश कुमार ने बताया कि नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, मगर तटबंध पूरी तरीके से सुरक्षित हैं. खतरे की कोई बात नहीं है. प्रशासन द्वारा लगातार हालातों की निगरानी की जा रही है.


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