UP SCR: दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र (Uttar Pradesh State Capital Region) बनाया जाएगा. इसके गठन की प्रक्रिया पर तेजी से काम हो रहा है. इस गठन से राजधानी लखनऊ (Lucknow) के इंफ्रास्ट्रक्चर पर जनसंख्या का दबाव घटेगा. यूपी में लखनऊ समेत सात जिलों को मिलाकर एससीआर बनेगा. लखनऊ, उन्नाव, बाराबंकी, रायबरेली, सीतापुर, कानपुर और कानपुर देहात जिलों को एससीआर में शामिल किया जाएगा. एससीआर बनने के बाद न सिर्फ लखनऊ, बल्कि इसमें शामिल बाकी जिलों का सुनियोजित विकास किया जाएगा.


इन जिलों में ईज आफ लिविंग के सभी मानकों पर विश्वस्तरीय सुविधाओं को देने की तैयारी की जा रही है. एससीआर योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए दो कमेटियां बनाई जाएंगी. यही कमेटियां राज्य राजधानी क्षेत्र के लिए व्यवस्था दिखेंगी. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में ये कमेटी बनाई जाएगी. इसमें संबंधित सभी विभागों के एसीएस और प्रमुख सचिव शामिल होंगे. इसके अलावा कार्यकारी समिति के नाम से दूसरी समिति गठित की जाएगी, जिसमें एसीएस या प्रमुख सचिव आवास कमेटी के अध्यक्ष बनाए जाएंगे.


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एससीआर को लेकर सीएम योगी ने कही ये बात


एससीआर क्यों जरूरी है? इस सवाल के जवाब में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा "अलग-अलग शहरों के लोग यहां आकर रहना चाहते हैं. इससे लखनऊ के पड़ोसी जिलों में भी जनसंख्या का दबाव बढ़ रहा है. कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी आती रहती हैं. भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र या एनसीआर की तर्ज पर उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र यानी एससीआर का गठन किया जा रहा है."


सीएम बोले- अगले 50 सालों की स्थिति को ध्यान में रखना जरूरी


सीएम योगी ने कहा कि विकास परियोजनाओं का निर्धारण करते समय अगले 50 सालों की स्थिति को ध्यान में रखना जरूरी है. मास्टर प्लान में सुनियोजित विकास का पूरा खाका होना चाहिए. वहीं अधिकारियों को अपनी परियोजनाओं के लिए अपना वित्तीय प्रबंधन करने पर विचार करना होगा.


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