सीएम योगी के बाद जस्टिस शेखर यादव के समर्थन में उतरे वकील, खुले मंच पर चर्चा की मांग
Allahabad High Court: सीएम योगी आदित्यनाथ ने जस्टिस शेखर यादव के बयान का समर्थन किया है, जिसके बाद कई सीनियर वकील भी उनके समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की.
Justice Shekhar Kumar Yadav: इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव को लेकर मचे बवाल के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका समर्थन किया है जिसके बाद अब कई सीनियर वकील भी खुलकर उनके समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने शेखर यादव के मु्द्दे पर अब खुले मंच पर चर्चा कराने की मांग की है. इससे पहले रिटायर जस्टिस और वकील भी उनके समर्थन में खुलकर सामने आ चुके हैं.
सीएम योगी ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जस्टिस शेखर यादव का समर्थन किया था. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग सच बोलने वालों को महाभियोग की धौंस देकर मुंह बंद कराने का प्रयास करते हैं और फिर संविधान की दुहाई भी देंगे. सीएम योगी ने कहा जस्टिस शेखर ने समान नागरिक संहिता की बात कही अगर किसी ने सच्चाई कही को ये कोई अपराध नहीं है.
जस्टिस शेखर यादव के समर्थन में आए अधिवक्ता
सीएम योगी के बयान के बाद जस्टिस शेखर के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. इंडियन लॉयर्स एसोसिएशन ने जस्टिस शेखर की साफगोई की सराहना की और कहा कि उनका संबोधन पूरी तरह से संवैधानिक है, उसमें कुछ भी गलत नहीं है. अधिवक्ताओं ने अब इस मुद्दे को लेकर खुले मंच पर बहस कराने की मांग की है.
इससे पहले रिटायर जस्टिस राजाराम यादव ने भी जस्टिस शेखर के बयान का समर्थन किया था. उन्होंने विश्व हिन्दू परिषद की लीगल सेल के कार्यक्रम में कहा कि जो बोला गया है उसे सही तरीके से समझा जाए तो भाषण में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसे असंवैधानिक कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि जो वकील राजनीतिक दलों से जुड़े हैं वो इसे बिना बात ही तूल दे रहे हैं.
वहीं भारतीय भाषा अभियान के राष्ट्रीय संरक्षक अशोक मेहता ने भी जस्टिस शेखर के बयान में कठमुल्ला शब्द के इस्तेमाल पर बचाव किया और कहा कि उन्होंने बहुत संयमित तरीके से इस शब्द का प्रयोग किया है. उनके भाषण का छोटा सा हिस्सा लेकर सियासी लाभ के लिए शोर मचाना ठीक नहीं है. बता दें कि जस्टिस शेखर यादव ने एक कार्यक्रम में 'समान नागरिक संहिता एक संवैधानिक अनिवार्यता' विषय पर बोलते हुए कहा कि देश एक है, संविधान एक है तो कानून एक क्यों नहीं है? उन्होंने कहा- हिंदुस्तान में रहने वाले बहुसंख्यकों के मुताबिक़ है ये देश चलेगा.
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