लखनऊ, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों के लिए खुशखबरी है। शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने की प्रक्रिया को लेकर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने प्रदेश की योगी सरकार को प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को छह हफ्ते के अंदर शुरू करने का निर्देश दिया है। जिससे योग्य शिक्षामित्रों को जल्द नियमित शिक्षक बनने का मौका मिल सके। हालांकि, शिक्षा मित्रों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह की जगह 38870 रुपये दिए जाने की मांग को कोर्ट ने ठुकरा दिया है।
ये फैसला जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने सुनाया और राज्य सरकार को शिक्षकों की रिक्तियों का आकलन करने को कहा। साथ ही, छह हफ्ते के अंदर प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए।
बता दें कि सरकार ने कोर्ट के साल 2017 के फैसले के बाद प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के लिए 69 हजार शिक्षा मित्रों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत 41500 शिक्षकों का चयन किया गया था। शनिवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि रिकॉर्ड ये स्पष्ट नहीं है कि कोई शिक्षा मित्र प्राथमिक शिक्षक के लिए चयनित हुआ है या नहीं, लेकिन बड़ी संख्या में शिक्षा मित्रों को देखते हुए उनके शिक्षक बनने की संभावनाओं को देखते हुए नियुक्ति प्रक्रिया को को जल्द शुरू किया जाना चाहिए।
पीठ ने ये भी कहा कि अनुभव के आधा पर सरकार शिक्षा मित्रों को एक फीसदी का वेटेज दे सकती है। हालांकि, उन्होंने ये भी स्पष्ट किया है कि ये महज सलाह है, सरकार अपने विवेक से निर्णय लें।
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