(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP: 'नए लुक' में नजर आएगी श्रीराम की नगरी अयोध्या, भक्तिपथ पर 51 दुकानें डीएम ने की एलॉट
UP: अयोध्या के जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने बताया कि 51 लोगों को दुकान वितरित की गई है. कुछ लोगों को पहले दी गई थी. उनके कागजात तैयार हो गए थे. अभी हम लोग भक्ति पथ का एक-एक कार्यक्रम देख रहे हैं.
Ayodhya News: मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए बनाए जा रहे भक्ति पथ पर 51 दुकानदारों को दुकानें एलॉट कर दी गई हैं. इन सभी भक्तिपथ के 51 विस्थापितों को बीजेपी सांसद लल्लू सिंह ने दुकानों का एलॉटमेंट लेटर सौंपा. लेटर पाकर विस्थापित काफी खुश हो गए. इस दौरान विस्थापितों का कहना था कि फिर पीएम मोदी और सीएम योगी को जिताएंगे. वहीं इस दौरान रामपथ पर भी विस्थापितों को इसी तरह से पुर्नवास करने की घोषणा की गई.
सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि 51 लोगो को दुकानों का आवंटन पत्र दिया गया. चौड़ीकरण में जो भी विस्थापित होंगे. उनका इसी प्रकार पुर्नवास किया जाएगा. मार्च तक सभी दुकानें एलॉट कर दी जाएंगी. तीनों पथ के निर्माण को दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. जिसे समय से पूरा कर लिया जाएगा. वहीं जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि भक्तिपथ पर कुछ को पहले से दुकानों का आवंटन किया गया था. 51 विस्थापितों को मंगलव दुकानों का एलॉटमेंट कर दिया गया.
सांसद लल्लू सिंह ने क्या कहा
सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि पूरे अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण जो लोग विस्थापित होंगे. उनके लिए मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा है कि सब को स्थापित करने का काम शासन प्रशासन के लोग करें. हम लोग सहयोगी के रूप में निरंतर इनके साथ लगे हैं. जिसकी जो भी समस्या होती है उसका समाधान करने की कोशिश करते हैं. इसके बाद भी कोई शेष बच जाता है और वो आवेदन करेगा तो उसे भी दुकान का आवंटन किया जाएगा. एक भक्ति पथ है और जो दूसरा पथ जो सीधे जन्मभूमि को जाता है. ये सारे काम दिसंबर तक पूरे हों सरकार का और हम सबका ये टारगेट है. उसके बाद जब यहां पर भगवान विराजमान किए जाएं तो अयोध्या सुंदर लगे साफ सुथरी लगे स्वच्छ लगे. रामपथ पर अधिग्रहण और लोगों द्वारा खुद अपने भवनों को तोड़ने की कारवाई चल रही है. सहमति के आधार पर प्रशासन भी बुलडोजर से उसे तोड़ रहा है.
51 लोगों को दुकान वितरित की गई
वहीं अयोध्या के जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने बताया कि 51 लोगों को दुकान वितरित की गई है. कुछ लोगों को पहले दी गई थी. उनके कागजात तैयार हो गए थे. अभी हम लोग भक्ति पथ का एक-एक कार्यक्रम देख रहे हैं. एक दुकान हम लोग देखे हैं जहां यह लोग बस रहे हैं. कोई समस्या नहीं है. जिनको विस्थापित होना पड़ रहा है उनके लिए हम लोगों ने दुकानों का आवंटन किया है. हम लोगों ने पूरी पारदर्शिता के साथ इस कार्यक्रम को किया है. जिसको भी कोई आपत्ति हो जिन्हें अपनी दुकान उनको अगर लगता है मैं भी पात्र हूं, तो वो भी अप्लाई कर सकते हैं. हम लोगों ने सबका रिकॉर्ड बनाया हुआ है. हमारे पास किन की किन की दुकानें थी. हम लोगों ने ये प्रयास किया कि मकान मालिक और हमारे व्यापारीगण बैठकर संवाद कायम करें. 80 पर्सेंट लोग वहीं पर स्थापित हुए हैं. भक्ति पथ पर भी हम अधिकांश लोगों को बसा चुके हैं.
अयोध्या को बनाना है एक सुंदर नगरी
उन्होंने बताया कि अभी हम लोग लैंड क्वेश्चन प्लस मकान खरीद कर उसको तोड़ने की कार्यवाही कर रहे हैं. स्वयं से कोई तोड़ नहीं है. सभी कार्य सहमति के आधार पर किए जा रहे हैं. बहुत बड़े पैमाने पर सब हमारे व्यापारीगण और जो मकान मालिक हैं जनप्रतिनिधि हैं सभी लोगों ने सहयोग किया है.अयोध्या को एक सुंदर नगरी बनाना है इसके लिए बहुत मेहनत है. सबका साथ सम्मिलित प्रयास है. जब भी निर्माण कार्य होता है, तो वेदना का कुछ काल होता है. यह वेदना का काल है. निर्माण होने के बाद एहसास होगा और आप देखेंगे की श्रद्धालुओं की संख्या लगातार अयोध्या में बढ़ती जा रही है. इसके लिए बहुत जरूरी है कि एक आधारभूत संरचना को बहुत मजबूत किया जाए. इसी क्रम में यह किया जा रहा है. हम यहां लगातार संवाद कायम किए हुए हैं. और रामपथ के लिए भी हम लोग संवाद का एक अभियान चलाने जा रहे हैं. रामपथ पर कभी जब कार्यक्रम होगा तो ऐसे कार्यक्रम हम चरणबद्ध तरीके से कराएंगे. साथ ही जिसको भी पुनर्वास की आवश्यकता होगी उसका पुनर्वास करेंगे.
दुकान पाने वाले प्रभूति श्रीवास्तव ने कहा कि हम बहुत खुश हैं. इतने खुश है कि कुछ कह नही सकते मेरे बाल बच्चों का रोटी चलना बंद हो गया था इतने परेशान थे सहारा मिल गया है इतनी खुशी है कि कुछ कह नहीं सकते इन्हीं की वजह से हमें दुकानें मिली हैं, इसीलिए इन्हें को फिर से जिताया जाएगा.