कानपुर: विशेष जांच दल (एसआईटी) सिख विरोधी दंगों के दौरान हुई 19 जगहों के क्राइम सीन को रिक्रिएट करेगा, जिसमें 31 अक्टूबर 1984 के बाद कानपुर में कम से कम 127 लोग मारे गए थे. चार सदस्यीय एसआईटी की अध्यक्षता सेवानिवृत्त उत्तर प्रदेश डीजीपी अतुल कर रहे हैं और अन्य सदस्यों में सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश सुभाष चंद्र अग्रवाल और सेवानिवृत्त अतिरिक्त निदेशक (अभियोजन) योगेश्वर कृष्ण श्रीवास्तव शामिल हैं.
स्थानीय लोगों से सवाल भी किए जाएंगे
एसपी बालेन्दु भूषण सिंह इसके सदस्य-सचिव हैं. राज्य सरकार ने 5 फरवरी, 2019 को दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी के सदस्य अब फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ 19 अपराध स्थलों का दौरा करेंगे और प्रत्यक्षदर्शियों के साथ अपराध स्थल का फिर से जायजा लेंगे.
वे 31 अक्टूबर, 1984 को और उसके बाद की घटनाओं पर स्थानीय लोगों से सवाल भी करेंगे. एसपी बालेन्दु भूषण सिंह ने कहा कि एसआईटी 56 चश्मदीदों से भी संपर्क करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि इनपुट हासिल कराने में काफी मदद मिलेगी.
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