लखनऊ (रिपोर्टर के इनपुट से). उत्तर प्रदेश से लेकर झारखंड तक आईएएस अफसरों से लेकर नेताओं को अपने जाल में फंसाकर चूना लगाने वाले शातिर जालसाज को यूपी एसटीएफ ने धर दबोचा है. एसटीएफ ने रंजन मिश्रा नाम के इस नटवरलाल को जमशेदपुर के परसुडीह से गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक झारखंड, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश में 14 मुकदमे दर्ज हैं. शातिर ठग रंजन मिश्रा को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है. लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में रंजन के खिलाफ एफआईआर दर्ज है.


कभी झारखंड का मुख्यमंत्री, कभी मध्य प्रदेश के राज्यपाल तो कभी कोई अन्य मंत्री, नेता या अफसर बनकर लोगों से करोड़ों रुपये की वसूली करने के आरोपी रंजन मिश्रा बिहार के गया में कोसिढियाघाट का रहने वाला है.


आरोपी ने खुद को शासन का वरिष्ठ अधिकारी बनकर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर राजमणि को फोन कर आठ लाख रुपये वसूले थे. इस मामले में राजमणि ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने में रंजन मिश्रा व उसके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. एसटीएफ ने मुख्य आरोपी रंजन के दो साथियों गणेश और सुनीत को पहले ही बिहार के बक्सर से गिरफ्तार किया था.


जब खुद को झारखंड का मुख्यमंत्री बताकर की थी जालसाजी
एसटीएफ प्रभारी विशाल विक्रम सिंह के अनुसार, पूछताछ में पता चला कि आरोपी वर्ष 2008 से अलग-अलग अधिकारियों के नाम पर कॉल कर लोगों से ठगी कर रहा था. साल 2008 में सबसे पहले झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा बनकर मंत्री अर्जुन मुंडा को फोन किया था और उनसे 40 लाख रुपये अपने साथी जहानाबाद निवासी आलोक कुमार के खाते में जमा कराए थे. वर्ष 2010 में डीएम पटना बनकर बीडीओ से 40 हजार रुपये फर्जी खाते में जमा कराए थे. इसके अलावा बिहार के अलग-अलग 10 जिलों का जिलाधिकारी बनकर वहां के एडीएम व एसडीएम से 10 लाख रुपये ऐंठ चुका था. उसे वर्ष 2011 में बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया था.


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