(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Police Exam Paper Leak: यूपी एसटीएफ ने सॉल्वर के गैंग के सदस्य को किया गिरफ्तार, बिहार नकल माफियाओं से जुड़ें है तार
UP News: यूपी एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने पुलिस भर्ती समेत अन्य परीक्षाओं में परीक्षा पास कराने के नाम पर मोटी रकम ऐंठने वाले साल्वर गैंग के एक सदस्य को गोरखपुर से गिरफ्तार किया है.
Gorakhpur News: यूपी एसटीएफ ने पुलिस भर्ती समेत अन्य परीक्षाओं में परीक्षा पास कराने के नाम पर मोटी रकम ऐंठने वाले साल्वर गैंग के एक सदस्य को गोरखपुर से गिरफ्तार किया है. ये आरोपी अभ्यर्थियों को परीक्षा पास कराने की गारंटी देकर मोटी रकम ऐंठता रहा है. साल्वर गैंग के गिरफ्तार सदस्य ने पूछताछ में अभ्यर्थी की जगह साल्वर बैठाने की बात कुबूल की है. पूछताछ में बताया कि वह परीक्षा केन्द्रों पर बायोमैट्रिक में मैनपावर का टेंडर का फायदा उठाया और अभ्यर्थियों को ड्यूटी पर तैनात कर साल्वर के आने पर उसकी जगह ड्यूटी पर तैनात अभ्यर्थी का अंगूठा लगाकर साल्वर को परीक्षा केन्द्र के अंदर भेज देता था. इसके तार बिहार के साल्वर गैंग से जुड़े हुए हैं.
यूपी एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने गोरखपुर के शाहपुर थानाक्षेत्र के जंगल तुलसीराम बिछिया वार्ड नंबर-22 शिवपुर के रहने वाले पंकज कुमार सिन्हा को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ ने उसे उसके आवास से 17 जुलाई की शाम 6 बजे के बीच अरेस्ट किया. उत्तर प्रदेश भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आयोजित आरक्षी नागरिक पुलिस 2023 की सीधी भर्ती की आफलाइन लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर पेपर आउट कराने का प्रयास कराने वाले, प्रलोभन देने वाले, साल्वर बैठाने व अन्य माध्यमों से नकल कराने का प्रयास करने वाले गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार किया है.
अभ्यर्थी की जगह सॉल्वर को भेजते थे एग्जाम हॉल
गोरखपुर के कोतवाली थानाक्षेत्र के बक्शीपुर स्थित इस्लामिया कालेज आफ कामर्स में 17 फरवरी को आयोजित परीक्षा में मूल अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे साल्वर संजनी कुमार उर्फ नलीय सिंह कुवा चैनपुर, सिंधियाघाट स्टेशन, पूर्व मध्य रेलवे स्टेशन मास्टर) दुर्गेश यादव उर्फ अंकित के स्थान पर परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था. अभ्यर्थी दुर्गेश यादव बायोमैट्रिक कम्पनी का आई कार्ड लगा कर ड्यूटी करते हुए गिरफ्तार हुआ था. इस सम्बन्ध में 419, 420, 467, 468, 471, 120बी भादाविक व 120 बी के साथ 6/10 उप्र सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था.
इसमें आकाश राव को 16 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. आकाश राव ने पूछताछ में बताया था कि वह बायोमेट्रिक कंपनी का फील्ड मैनेजर था. उसने ही दुर्गेश यादव को परीक्षार्थी को बायोमेट्रिक एजेंसी का आईकार्ड बनाकर दिया था. परीक्षा केन्द्र के गेट पर उसकी ड्यूटी लगा दी थी. साल्वर अंजनी कुमार उर्फ मनीष सिंह के आने पर उसने अभ्यर्थी दुर्गेश यदव का अंगूठा लगाकर अंजनी कुमार उर्फ मनीष सिंह को परीक्षा केन्द्र के अंदर कर दिया था. आकाश राव ने बताया कि यह सब उसने पंकज कुमार सिन्हा, अमरेन्द्र भारती व धनंजय मौर्या के कहने पर किया था. एसटीएफ को पंकज के उसके शाहपुर थानाक्षेत्र के बिछिया आवास पर होने की सूचना मिली और दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ में आरोपी पंकज ने उगले कई राज
एसटीएफ की पूछताछ में पंकज कुमार सिन्हा ने बताया कि इसे इनोवेटिव कंपनी से संबंधित सुधीर विश्वाटेक द्वारा विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर बायोमेट्रिक कराने के लिए मैनपावर का टेंडर मिला था. इसके और इसके साथियों ने भी योजना बनाकर यह सुनिश्चित किया था कि जिस भी अभ्यर्थी की जगह साल्वर को बैठाएंगे, उस केन्द्र पर अभ्यर्थी की ही ड्यूटी बायोमेट्रिक में लगा देंगे, जिससे जब साल्वर को अंदर भेज देगा, जिससे परीक्षा के अगले चरणों में फिंगर प्रिंट अभ्यर्थी के प्रमाणित हो सके.
ये अपने साथियों के साथ मिलकर 17 फरवरी को परीक्षा केन्द्र इस्लामिया कालेज आफ कामर्स बक्शीपुर गोरखपुर से मूल अभ्यर्थी के स्थान पर साल्वर अंजनी कुमार उर्फ मनीष सिंह (कुरवा चैनपुर, सिंधियाघाट स्टेशन, पूर्व मध्य रेलवे स्टेशन मास्टर) दुर्गेश यादव उर्फ अंकित के स्थान पर परीक्षा देने के लिए भेजा था. इसके साथियों के संबंध में विवेचना चल रही है. घटना में प्रयुक्त मोबाइल के बारे में बताया गया कि इसके गैंग के साथियों के पकड़े जाने के बाद इसने मोबाइल को फेंक दिया था, जिससे पुलिस को कोई सुबूत नहीं मिल सके.
बिहार सॉल्वर गैंग से जुड़े हैं तार
आरोपी पंकज कुमार सिन्हा इस समय जो मोबाइल यूज कर रहा है, उसमें वाट्सएप वे मैसेंजर के जरिए विभिन्न भर्ती परीक्षा व नौकरी दिलाने के संबंधी चैट है. कुछ डाटा डिलीट कर दिया गया है. वो डाटा एफएसएल को भेजकर प्राप्त किया जाएगा. बिहार के साल्वर गैंग से इसकी और इसके साथियों की पुरानी जान-पहचान है. पहले भी कई परीक्षाओं में साल्वर बैठा चुके हैं. अभ्यर्थियों को ये विश्वास दिलाने के लिए कि वे उनके जगह साल्वर बैठा देगा, ये अपना फेसबुक प्रोफाइल देव कुमार के नाम से बनाया है. जिस पर उप निरीक्षक की वर्दी पहने हुए किसी व्यक्ति की फोटो लगाया है. आरोपी के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है.
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