Vinod Upadhyay Encounter: उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के रहने वाले अपराधी विनोद उपाध्याय को आज सुबह तड़के एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में मार गिराया गया. एसटीएफ एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक शुक्रवार सुबह तकरीबन 3:30 बजे एसटीएफ की टीम ने सुल्तानपुर जिले में विनोद उपाध्याय को घेर लिया था, जिसके बाद दोनों तरफ़ से हुई फायरिंग में विनोद उपाध्याय ढेर हो गया. 


जानकारी के मुताबिक आज सुबह एसटीएफ टीम ने विनोद उपाध्याय को घेर लिया, जिसके बाद उसने घेरा तोड़कर भागने की कोशिश की और पुलिस पर कई राउंड फायरिंग की गई. जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ ने भी फायरिंग की. जिसके बाद विनोद को गोली लग गई. जब एसटीएफ की टीम उसे तत्काल अस्पताल लेकर पहुंची, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. 


एसटीएफ से मुठभेड़ में ढेर
विनोद पर गोरखपुर पुलिस ने 1 लाख का इनाम घोषित कर रखा था. विनोद एक संगठित गिरोह बनाकर गोरखपुर, बस्ती, संतकबीर नगर, लखनऊ में कई सनसनीखेज हत्या की वारदातों को भी अंजाम दे चुका था. आज हुई इस कार्रवाई का नेतृत्व एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह कर रहे थे.


एसटीएफ गोरखपुर क्राइम ब्रांच और गोरखपुर पुलिस  पिछले करीब 7 महीने से विनोद की तलाश में अलग-अलग जगह पर छापेमारी कर रही थी. मुठभेड़ में विनोद के पास से एक चाइनीज पिस्टल 30 बोर, स्टेन गन 9 एमएम फैक्ट्री मेड, जिंदा कारतूस, खोखा कारतूस और एक स्विफ्ट कार बरामद हुई है. विनोद पर कुल 35 मुकदमे दर्ज थे जिसमें पहला मुकदमा 1999 में दर्ज हुआ था. योगी सरकार द्वारा बनी मोस्ट वांटेड माफियाओं की लिस्ट में विनोद का नाम टॉप टेन माफियाओं की सूची में था.


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बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुका था विनोद
विनोद 2007 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुका था. विनोद ने 2007 में राजनीति में आने की सोची और इसके लिए उसने बहुजन समाज पार्टी को चुना. जानकारी के मुताबिक उस वक्त के बसपा के नंबर 2 नेता से विनोद की काफी नजदीकियां रही. इतना ही नहीं विनोद को 2007 में गोरखपुर जिले का प्रभारी बनाया गया और विधानसभा चुनाव के दौरान विनोद गोरखपुर की सदर सीट से प्रत्याशी बना. बसपा सुप्रीमो मायावती खुद उसका प्रचार करने गोरखपुर गई थी. 


विनोद के कई किस्से मशहूर हैं विनोद एक थप्पड़ के बदले मर्डर करने से चर्चा में आया था. 2004 में गोरखपुर जेल में बंद एक अपराधी ने विनोद को किसी बात पर एक थप्पड़ मार दिया इसके बाद जब उस अपराधी को जमानत मिली तो 1 साल बाद विनोद ने संत कबीर नगर में उस अपराधी को गोली मार दी जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी.