ओडिशा से तस्करी कर लाई जा रही गांजे की बड़ी खेप STF ने पकड़ी, बाजार में कीमत दो करोड़ रुपये
यूपी एसटीएफ ने सोनभद्र जिले से 13 कुंतल गांजे की बड़ी खेप बरामद की है. अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत दो करोड़ बताई जा रही है. एसटीएफ को अब सरगना की तलाश है.
सोनभद्र: सूबे के सोनभद्र जनपद की सीमाएं चार राज्यों (छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार व झारखण्ड) से लगती हैं. जिसका फायदा तस्करों व अपराधियों द्वारा अक्सर उठाया जाता है. सोनभद्र जिले में ओडिशा से गांजा की तस्करी पूर्वांचल के जिलों में लाकर तस्करों द्वारा किया जाता है लेकिन इस रास्ते पर अब एसटीएफ की नजर पड़ गयी है. जिसका असर आज जिले में देखने को मिला और बहुत बड़ी कामयाबी एसटीएफ को मिली. एसटीएफ ने राबर्ट्सगंज थाना क्षेत्र के लोढी से ट्रक UP-70 AT 4135 पर लदा 13 कुन्तल गांजा के साथ बरामद किया. ट्रक के साथ दो लोगों को भी पकड़ा है. वहीं, इस मामले में एसटीएफ का कहना है कि 13 कुन्तल गांजे की अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमत लगभग 2 करोड़ रुपए है.
सरगना की तलाश में जुटी STF
मिली जानकारी के अनुसार, एटीएस को मुखबिरों से सूचना मिली थी कि ओडिशा और आंध्र प्रदेश से तस्करी कर गांजे की बड़ी खेप सोनभद्र में लाई जा रही है. इस खेप को यहां से उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पहुंचाया जाना है. जिसको देखते हुए एसटीएफ ने गांजा बरामद किया. वहीं एसटीएफ के द्वारा खंघाली गई जानकारी में यह निकल कर सामने आया है कि सोनभद्र व प्रदेश के बड़े माफिया द्वारा गांजे के तस्करी का खेल किया जाता है. उसके द्वारा गांजा को सोनभद्र से अन्य जिले तक ले जाया जाना था. वहीं यूपी एसटीएफ असली सरगना की तलाश में जुटी हुई है.
तस्करी के लिये मुफीद रूट
सोनभद्र जनपद की सीमा चार राज्यों की सीमाओं से लगती है. जिसके कारण उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से होकर पूर्वांचल के मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, बलिया, गोरखपुर, मऊ सहित कई जिलों के लिए गांजा और शराब की तस्करी के लिए तस्करों को यह रूट मुफीद समझ आता है, जिसके कारण इस क्षेत्र से होकर अक्सर तस्करी की जाती है और पुलिस के द्वारा की जाने वाली कार्रवाई में कभी तस्कर पकड़े जाते हैं तो कभी तस्करी को अंजाम देने में सफल भी रहते हैं.
स्थानीय पुलिस पर सवाल
जनपद में कई बार गांजे की बड़ी खेप पुलिस के द्वारा पहले भी पकड़ी जा चुकी है, लेकिन अब एसटीएफ द्वारा तीन बार से बड़ी खेप गांजे की पकड़ा जाना जनपद पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है.
इतनी बड़ी कार्रवाई के बावजूद भी तस्करी पर लगाम लगता दिखाई नहीं दे रहा है. हालांकि पुलिस के द्वारा तस्करी करने वाले तस्करों के खिलाफ गैंगेस्टर और संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई की जा रही है.
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