लखनऊ, एबीपी गंगा। अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार की ओर से दी गई 5 एकड़ जमीन को उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने स्वीकार कर लिया है। इस जमीन पर मस्जिद तो बनेगी ही, इसके अलावा यहां अस्पताल, लाइब्रेरी और इंडो इस्लामिक सेंट्रल का भी निर्माण किया जाएगा। सोमवार को यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की बैठक में ये फैसला लिया गया।


बैठक में बोर्ड के 8 सदस्यों में 2 सदस्य अब्दुल रजाक खान और इमरान माबूद ने शिरकत नहीं की। बोर्ड के अध्यक्ष समेत बाकी 6 सदस्यों ने इस बोर्ड की बैठक में शिरकत कर निर्णय पर मुहर लगा दी। बैठक में तय हुआ है कि अयोध्या के रौनाही में मिली जमीन पर ना सिर्फ मस्जिद बनेगी बल्कि भारतीय इस्लामिक सभ्यता पर रिसर्च और अध्ययन के लिए एक कल्चरल सेंटर भी बनाया जाएगा। साथ ही एक चैरिटेबल अस्पताल, पब्लिक लाइब्रेरी के साथ जन उपयोगी सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। बोर्ड की बैठक में हुए इस निर्णय के बाद अब जल्द अयोध्या में होने वाले निर्माण को लेकर भी अलग ट्रस्ट का गठन होगा और उसके जरिए ही निर्माण कार्य का खाका तय होगा।


वहीं, इससे पहले फारूकी ने जमीन स्वीकार करने के सवाल पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 नवंबर को अयोध्या विवाद पर अपने फैसले में ये नहीं कहा है कि मस्जिद के लिए जमीन स्वीकार न करने का भी अधिकार बोर्ड के पास होगा। जब बोर्ड को जमीन स्वीकार करने का अधिकार ही नहीं है तो फिर बोर्ड और कर भी क्या सकता है। उन्होंने कहा कि सदियों से दिलों को बांटने वाले इस विवाद का अब पूरी तरह अंत हो जाना चाहिए। आखिर हम कब तक ऐसे विवादों को ढोते रहेंगे।