Raksha Bandhan 2022: आज पूरा देश रक्षाबंधन का त्योहार मना रहा है. हर भाई की कलाई आज रंग बिरंगी राखी से सजी है. रक्षाबंधन का इंतजार जितनी बेसब्री से बहनों को होता है, भाई भी अपनी कलाई पर राखी बंधवाने के लिए उतने ही बेताब रहते हैं. इस त्योहर पर भाई जहां बहन की राखी पर कलाई बांधती है, वहीं भाई उसे आजीवन रक्षा करने का वचन देता है. जहां पूरा देश आज राखी का त्योहार मना रहा है, वहीं एक गांव ऐसा भी है जहां भाइयों की कलाई हमेशा सूनी रहती है. यहां कोई बहन अपने भाई को राखी नहीं बांधती. आइये आपको बताते हैं उस गांव के बारे में...
यहां एक हजार साल से नहीं मना रक्षाबंधन
दरअसल इस गांव का नाम है सुराना, जो गाजियाबाद के मोदीनगर में स्थित है. इस गांव की हकीकत ये है कि यहां पिछले एक हजार साल से राखी का त्योहार नहीं मनाया गया. दरअसल इस गांव में 12वीं सदी में मोहम्मद गौरी ने आक्रमण किया था, वह गांव में जब भी आक्रमण करने आता तो उसकी सेना हर बार अंधी हो जाती थी, जिसके कारण उसे परास्त होकर वापस लौड़ना पड़ता.
आखिर क्या है इसकी वजह
गांव वाले इसकी वजह बताते हुए कहते हैं कि इस गांव में एक देवता रहते थे और वही पूरे गांव की सुरक्षा करते थे, लेकिन चूंकि रक्षाबंधन के दिन हिंदुओं में गंगा स्नान शुभ माना जाता है, इसलिए वे रक्षाबंधन के दिन देव गंगा स्नान करने चले गए. इसकी सूचना गांव के ही एक मुखबिर ने मोहम्मद गौरी को दी. मोहम्मद गौरी ने इसका फायदा उठाकर गांव पर हमला बोल दिया, गांव में जितने भी लोग थे सभी को हाथियों ने कुचल दिया. बुजुर्गों का कहना है कि उस हमले के बाद गांव फिर से आबाद तो हुआ लेकिन इस गांव में फिर कभी रक्षाबंधन नहीं मनाया गया. गांव के बुजुर्ग राम निवास यादव और कोसिंग यादव ने बताया कि गांव के कुछ लोग जो बाहर जाकर बस गए हैं वो भी रक्षाबंधन नहीं मनाते.
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