Tauqeer Raza On Gyanvapi Masjid: ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. मौलाना तौकीर रजा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि जिस तरह बाबरी मस्जिद को हमसे छीन लिया गया उसी तरह ज्ञानवापी मस्जिद को भी हमसे छीना जा रहा है. तौकीर ने एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी को धृतराष्ट्र कहा है.


दरगाह आला हजरत स्थित अपने आवास पर इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि बाबरी मस्जिद को जिस तरह से हमसे छीना गया उसी तरह हमसे ज्ञानवापी मस्जिद को छीना जा रहा है.  


मौलाना तौकीर रज़ा का दावा- ज्ञानवापी मस्जिद में फाउंटेन है शिवलिंग नहीं 


 मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि ये सब आरएसएस की साजिश है. उन्होंने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद में हौज में फाउंटेन है शिवलिंग नहीं है और इस तरह का फाउंटेन देश की हर मस्जिद में है. बरेली की जामा मस्जिद हो या नौमहला मस्जिद उसमें भी इस तरह का फाउंटेन है जिसमें हम लोग वजू करते हैं. इस तरह देश की सभी मस्जिदे तोड़कर वहां मन्दिर बना देना चाहिए. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. ये लोग देश का एक और बंटवारा करवा देना चाहते हैं.


तौकीर रजा ने चेतावनी देते हुए कहा कि इसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं. हमारी मजबूरी को कमजोरी न समझें. बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया उसमें अदालत ने हमारी आस्था पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि हुकूमत दिवालिया हो चुकी है, इसलिए हिन्दू-मुसलमानों को आपस में उलझाया जा रहा है. आप लोग खामोश रहकर इस इस बेईमानी का समर्थन कर रहे हैं.


तौकीर रजा ने कहा कि देश का जब बंटवारा हुआ था पाकिस्तान बना था वो किसी मुसलमान ने नहीं करवाया था बल्कि ये आरएसएस की साजिश थी हिन्दू राष्ट्र बनाने की. उन्होंने ये भी कहा कि जिन्ना मुसलमान नहीं बल्कि हिन्दू थे और उनका खतना नहीं हुआ था. ये आरएसएस की साजिश थी.


उन्होंने कहा कि ये बात जरूर है कि हिंदुस्तान में ऐसे बहुत से मंदिर थे जहां मस्जिद बनाई गई थी लेकिन मंदिरों को तोड़ा नहीं गया था. उन्होंने कहा कि सरकार को इसका विरोध झेलना पड़ेगा. उन्होंने अदालत के फैसले पर असहमति जताते हुए कहा कि मैं हिन्दुस्तान के मुसलमानों से अपील करता हूं कि अब किसी कोर्ट में जाने की जरूरत नहीं है. ये लोग ताजमहल, कुतुब मीनार जहां भी कब्जा करना चाहते हैं करने दो. उन्होंने देशव्यापी आंदोलन के लिए कहा कि 22 मई को दिल्ली की बैठक में इसके बारे में चर्चा की जाएगी.


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