UP Teacher Recruitment: 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी एक बार फिर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं. अभ्यर्थी इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ के डबल बेंच से दिए गए फैसले का पालन किए जाने की मांग करते हुए बेसिक शिक्षा निदेशालय के सामने धरने पर बैठ गये हैं. आज मंगलवार (20 अगस्त 2024) को सुबह लगभग 10 बजे से बड़ी संख्या में यहां अभ्यर्थियों का पहुंचना शुरू हो गया था. अभ्यर्थियों का कहना है कि हाई कोर्ट का जो फैसला आया है सरकार उसे जल्द से जल्द लागू करें और आरक्षित वर्ग अभ्यर्थियों को न्याय देते हुए उनकी नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त करें.
अभ्यर्थियों का कहना है कि साल 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी. जब इसका परिणाम आया तो इसमें बड़े स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया. एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद अब लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया है.
सरकार से नियुक्ति देने की मांग
अभ्यर्थियों का आरोप है कि इस प्रकरण में सरकार हीला हवाली कर रही है. उनका कहना है कि जनरल वर्ग के लोगों के लिए सरकार ने रविवार को बैठक कर ली पर हमारे लिए सरकार ने कोई बैठक नहीं की. अभ्यर्थी चाहते हैं कि सरकार जल्द से इस प्रकरण का समाधान करें और एक शेड्यूल जारी करके बताएं कि इनको नियुक्ति कब दी जा रही है.
आपको बता दें कि कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मूल चयन सूची रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है. इस मामले में सरकार ने एक मीटिंग कर कहा कि सरकार सबके हितों को लेकर प्रतिबद्ध है और किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी.
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