यूपी में 27 हजार पदों पर शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ, हाई कोर्ट का आदेश बरकरार
Teacher Recruitment: कुछ अभ्यर्थी इस मामले में कटऑफ अंक कम करके रिक्त पदों पर चयन किए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए हुए थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है.
UP Teacher Recruitment: उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती में रिक्त रह गई 27 हजार से अधिक सीटों पर रास्ता साफ हो गया है. बेसिक शिक्षा की 68,500 पदों की सहायक शिक्षक भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने यथावत रखा है. इस मामले में हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि रिक्त सीटों पर राज्य सरकार भर्ती करे.
दरअसल, कुछ अभ्यर्थी इस मामले में कटऑफ अंक कम करके रिक्त पदों पर चयन किए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए हुए थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है. अब याचिका खारिज होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग को भर्ती प्रक्रिया को आगे हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार बढ़ेगी.
ये है पूरा मामला
साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किए गए शिक्षामित्रों का समायोजन रद कर दिया था. कोर्ट के इस फैसले के बाद करीब 1.37 लाख शिक्षकों के पद रिक्त हो गए थे. इसके बाद यूपी सरकार ने दो चरणों में बहाली निकाली थी.
एक चरण में 68,500 और 69 हजार पदों पर शिक्षकों की भर्ती निकाली गई थी. इसके बाद इसकी परीक्षा कराई गई थी. इसका रिजल्ट घोषित किया गया तो अनारक्षित वर्ग के लिए 45 फीसदी, जबकि ओबीसी और अन्य वर्ग का कटऑफ 40 फीसदी निर्धारित किया गया था. लेकिन योग्य अभ्यर्थी न मिलने से 27 हजार से ज्यादा पद रिक्त रह गए थे.
क्या था हाईकोर्ट का आदेश
कुछ अभ्यर्थियों ने भर्ती परीक्षा में कापी बदले जाने का आरोप लगा कर कटऑफ कम करने की मांग की थी. इसके लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की गई थी. हाईकोर्ट ने तब इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. तब सरकार इस मामले में डबल बेंच में गई थी.
तब डबल बेंच ने आदेश दिया था कि सरकार रिक्त पदों पर भर्ती करे. लेकिन कटऑफ अंक कम करके नियुक्ति दिए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए अभ्यर्थियों की याचिका वहां से भी खारिज हो गई.