UP TGT Exam 2021: मुरादाबाद की थाना सिविल लाइंस पुलिस को राजकीय महिला पॉलिटेक्निक में टीजीटी की परीक्षा के दौरान प्रधानचार्य की तरफ से ये सूचना दी गई कि परीक्षा दे रहे एक परीक्षार्थी पर उन्हें शक है. बताया गया कि परीक्षार्थी के एडमिट कार्ड पर लगे फोटो में कुछ अंतर है. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच की तो साफ हो गया कि परीक्षा दे रहा व्यक्ति सॉल्वर गैंग का सदस्य है और किसी और के स्थान पर परीक्षा दे रहा है. सॉल्वर गैंग के सदस्य होने की जानकारी मिलने पर राजकीय महिला पॉलिटेक्निक के प्रधानचार्य की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर गैंग के सदस्य को हिरसत में लेकर पूछताछ करना शुरू कर दिया.


पुलिस के सामने आई पूरी सच्चाई 
पुलिस ने हिरासत में लिए गए सॉल्वर गैंग के सदस्य अभिषेक कुमार से जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि वो संजय सिंह के स्थान पर परीक्षा दे रहा था. उसको ये बताया गया था कि कोरोना काल की वजह से मास्क लगाना जरूरी है, इसलिए मास्क लगाए रखना उसे हटाना नहीं. अभिषेक ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसके कई अन्य साथी भी दूसरे परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा दे रहे हैं. 


सख्ती से पूछताछ कर रही है पुलिस 
मुरादाबाद पुलिस ने पकड़े गए सॉल्वर गैंग के सदस्य अभिषेक की शिनाख्त पर अलग-अलग होटल में रुके सॉल्वर गैंग के सदस्य दुर्गेश कुमार, मोहम्मद कासिम, सचिन पाल, मोनू पाल, बृजेश कुमार, नाजिम, ज्ञान कुमार, देवराज सहित 8 लोगों गिरफ्तार कर लिया. इनमें तीन सदस्य मुरादाबाद के हैं तो पांच बिहार के रहने वाले हैं. पुलिस अब इनसे सख्ती से पूछताछ कर रही है कि इनके गैंग में और कितने लोग हैं जो इस तरह परीक्षा के दौरान पैसे लेकर दूसरे की जगह बैठकर परीक्षा देते हैं. 


पुलिस ने बरामद की ये चीजें 
पुलिस ने पकड़े गए सॉल्वर गैंग के सभी सदस्यों के पास से 33 हजार 680 रुपये नकद, 2 लैपटॉप, 8 स्मार्ट मोबाइल फोन, फर्जी आधार कार्ड, 12 एटीएम कार्ड, चार पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक पासबुक, अलग-अलग छात्रों के 59 फोटो, दो बड़े बैग, एक बैंक का चेक जिसमें 13 लाख 50 हजारर रुपए भरे हुए, एक बुलेट मोटरसाइकिल बरामद की है. 


30 हजार रुपए देने का था वादा
पकड़े गए सॉल्वर गैंग के सदस्य अभिषेक सिंह उर्फ दुर्गेश कुमार ने बताया कि वो पटना बिहार का रहने वाला है और देवराज ने उसे सॉल्वर गैंग का सदस्य बनकर परीक्षा देने के बदले 30 हजार रुपए देने का वादा किया था. इसी वजह से वे लालच में आ गया और अपने साथियों के साथ फर्जी आधार कार्ड बनाकर परीक्षा के एडमिट कार्ड पर अपना फोटो लगाकर परीक्षा देने लगा. कोरोना काल के चलते सोशल डिस्टेंस और मास्क लगाना जरूरी होने की वजह से पकड़े जाने का डर भी काफी कम था, लेकिन फिर भी वो मुरादाबाद में पकड़े गए.



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