UP Politics: यूपी विधानसभा के स्पीकर सतीश महाना के द्वारा बुलाई बैठक का विरोध किया गया है. ये बैठक विकास कार्यों की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई है, लेकिन इससे पहले ही बीजेपी के तीन सांसदों ने इस बैठक का विरोध किया है. सत्यदेव पचौरी, देवेंद्र सिंह भोले और अशोक रावत की ओर से चिठ्ठी लिखी गई है. आज विधानसभा के स्पीकर सतीश महाना ने कानपुर के विकास कार्यों की समिक्षा करने के लिए 11 बजे बैठक बुलाई थी. इसका इन तीनों सांसदों चिठ्ठी लिख कर विरोध किया है.वहीं बिठुर से अभिजीत सांगा सतीश महाना का समर्थन किया है.


सत्यदेव पचौरी बोले- विधानसभा अध्यक्ष राज्य सरकार का हिस्सा नहीं होता
सीएम योगी को सांसदों ने चिठ्ठी लिखते हुए कहा है कि ये एक असंवैधानिक बैठक है, इसलिए इसे आहूत न किया जाए. सत्यदेव पचौरी ने कहा- बैठक को लेकर दो  प्रकार का विरोध है. एक तो ये कि विधानसभा स्पीकर के सलाहकार कमिश्नर को निर्देशित कर रहें हैं कि विधानसभा स्पीकर के आदेश पर समिक्षा बैठक बुलाई जाए. उनको इस बात का अधिकार नहीं है कि वो कमिश्नर को निर्देशित करें. उन्होंने कहा विधानसभा अध्यक्ष का पद बड़ा सम्मानित है,उसकी मर्यादा है. विधानसभा अध्यक्ष, राज्य सरकार का हिस्सा नहीं होता.



बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री को है या उस विभाग के मंत्री को है- सत्यदेव पचौरी
उन्होंने कहा ये एक सरकारी बैठक होती है. इसे बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री को है या उस विभाग के मंत्री को है. उन्होंने कहा कि इस बैठक का कोई औचित्य नहीं है, इसलिए मैनें कमिश्नर को कहा है कि इस बैठक को रद्द कर दें.


उन्होंने कहा मंत्री रहते हुए जब वो बैठक बुलाते थे तो हमनें कभी विरोध नहीं किया. बैठक में बुलाए जाने और विरोध करने के सवाल पर उन्होंने कहा न बुलाया जाता तो मैं विरोध ही न करता. मुझे बुलाया गया इसलिए मैनें इस असंवैधानिक बैठक का विरोध किया. सीएम योगी आदित्यनाथ से बातचीत को लेकर उन्होंने कहा मैनें मुख्यमंत्री से बात नहीं की. वो हमारे प्रदेश के मुखिया हैं. इसलिए उन्हें जानकारी


माना जा रहा है कि सतीश महाना और अभिजीत सांगा दोनों कानपुर से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. हालांकि चुनाव लड़ने को लेकर अपने और सतीश महाना के बीच किसी भी द्वंद से इंकार करते हुए सत्यदेव पचौरी ने कहा कहा हमनें पहले भी कभी टिकट नहीं मांगा था. अब भी नहीं मागेंगे. दो पार्टी जो तय करेगी उसके अनुसार चलेंगे.


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