लखनऊ. उत्तर प्रदेश महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में सबसे ज्यादा रोजगार मुहैया कराने वाला राज्य बन जाएगा. दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कोरोना संकट के दौरान देश के अन्य राज्यों से वापस लौटे लोगों के गांव और कस्बे के पास मनरेगा में रोजगार देने की जो मुहिम चलाई गई, वो अब रंग लाने लगी है.


इसके अलावा यूपी मनरेगा में 100 दिन काम करने वाले 20 लाख से अधिक श्रमिकों का नए साल में श्रम विभाग में पंजीकरण कराने वाला देश का पहला राज्य भी बनेगा. सूबे के श्रम विभाग में पंजीकृत होने वाले श्रमिकों और उनके परिवार को 17 योजनाओं का लाभ मिलेगा.


ग्राम्य विकास विभाग ने किया लक्ष्य तय
राज्य के ग्राम्य विकास विभाग ने 31 मार्च 2021 तक मनरेगा में 100 दिन काम करने वाले 20 लाख श्रमिकों का पंजीकरण श्रम विभाग में करने का लक्ष्य तय किया है. मनरेगा में एक साल में 100 दिन काम करने वाले श्रमिकों का श्रम विभाग में पंजीकरण कराने का प्रावधान है. श्रम विभाग में पंजीकृत होने के बाद हर श्रमिक परिवार को श्रमिक मेधावी छात्र पुरस्कार योजना, शिशु हित लाभ योजना, निर्माण कामगार बालिका मदद योजना, भोजन सहायता योजना, चिकित्सा सुविधा योजना, कन्या विवाह योजना और आवास सहायता योजना सहित 17 योजनाओं का लाभ मिल सकेगा.


इस साल इतने लोगों ने किया काम
राज्य के अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार के मुताबिक, इस साल मनरेगा में रिकॉर्ड 1 करोड़ 4 लाख 70 हजार से ज्यादा लोगों ने काम किया है. विभाग ने इनमें से पूरे 100 दिन काम करने वाले 20 लाख श्रमिकों को 31 मार्च 2021 तक श्रम विभाग में पंजीकृत कराने का लक्ष्य रखा है, जिसे तय समय में पूरा कर लिए जाएगा.


उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-2017 में 49.94 लाख परिवारों और 2019-2020 में 53.15 परिवारों को मनरेगा में काम मिला था. योगेश कुमार के अनुसार बीते 24 जून को मनरेगा के तहत एक दिन में 62 लाख लोगों ने काम किया था. यह एक रिकॉर्ड है.


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