Greater Noida:  ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दो विदेशी नागरिकों ने पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. देश की सुरक्षा में सेंध लगाने की नियत से इन बदमाशों ने दो हजार से ज्यादा भारतीय सिम कार्ड अवैध रूप से चीन में भेजे हैं, जबकि गिरफ्तार एक तिब्बती नागरिक के खाते में करोड़ों रुपए की रकम होने की बात सामने आई है. पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.


लगातार चीनी नागरिकों के संपर्क में था तिब्बती
उन्होंने बताया कि पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि तिब्बती नागरिक के खाते में इतनी भारी रकम कहां से आई और कहीं इसका संबंध भारत विरोधी ताकतों से तो नहीं है. जांच में पुलिस को पता चला है कि तिब्बती नागरिक चीनी भाषा में ही बात करता है, तथा वह चीन में रहने वाले लोगों से व्हाट्सऐप कॉल के माध्यम से लगातार संपर्क में रहता है. उसके फोन पर चीनी भाषा में ही सारे संदेश आए थे, जिसे पुलिस ने काफी मुश्किल से ट्रैक किया.


देश की सुरक्षा में लगाई जा रही थी सेंध
जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला है कि आरोपियों ने अब तक ढाई हजार से अधिक सिमकार्ड चीन भेजे हैं. पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इन मोबाइल फोन के सिम कार्ड का किस रूप में प्रयोग किया जा रहा है. पुलिस को शक है कि इन नंबरों से आरोपी साइबर अपराध के रास्ते देश की सुरक्षा में सेंध लगा रहे हैं. पुलिस को शक है कि इन मोबाइल फोन नंबरों के माध्यम से हनी ट्रैप व जासूसी भी की जा रही है.


आरोपियों से 728 मोबाइल फोन व सिम कार्ड बरामद
पुलिस उपायुक्त (जोन तृतीय) अभिषेक वर्मा ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान बताया कि ग्रेटर नोएडा पुलिस ने एक सूचना के आधार पर एक नाइजीरियाई और एक तिब्बती व्यक्ति सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस ने भारी मात्रा में मादक पदार्थ और 728 मोबाइल फोन के सिम कार्ड बरामद किए हैं.


आरोपियों में से एक की है सिम कार्ड की दुकान
उन्होंने बताया कि पूछताछ में यह पता चला कि तिब्बती नागरिक तकल्हा नंदूक, पश्चिम बंगाल के रहने वाले लिटट्न दास, बुलंदशहर निवासी आसिफ खान व दिल्ली के निवासी बलराम के साथ मिलकर मोबाइल फोन के सिम कार्ड बेचने की दुकान चलाता था.


ग्राहकों के नाम पर एक्टिव कराए जा रहे थे सिम कार्ड
उन्होंने बताया कि इनके यहां जो लोग मोबाइल फोन का सिम कार्ड लेने आते थे, उनसे ये लोग तीन चार बार अंगूठा लगवा कर मोबाइल फोन के सिम कार्ड को एक्टिव करा लेते थे. सिम लेने वाले व्यक्ति को ये लोग एक सिम कार्ड देते थे, बाकी के सिम कार्ड अपने पास रख लेते थे. जांच के दौरान यह पता चला कि तिब्बती नागरिक नाइजीरियाई मूल के निवासी सिक्सटम ननाइमका ओकुमा के साथ मिलकर फर्जी तरीके से हासिल किए गए सिम कार्ड को चीन तथा नाइजीरिया के रहने वाले नागरिकों को बेचता है.


अवैध रूप से भारत में रह रहा था नाइजीरियाई
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह भी पता चला कि गिरफ्तार आरोपियों असीम और बलराम को पहले भी फर्जी सिम कार्ड बेचने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने बताया कि आरोपी नाइजीरियाई नागरिक वर्ष 2013 में मेडिकल वीजा पर भारत आया था. उसके बाद वह भारत में अवैध रूप से रहने लगा तथा यहां वह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व दिल्ली के विभिन्न स्कूलों में फुटबॉल की कोचिंग देने लगा. जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि चीन के नागरिक पूर्वोत्तर की युवतियों को दोस्ती के जाल में फंसाते हैं.


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