सीतापुर की 2 तहसील लगातार 3 दिनों से हो रही बारिश के चलते प्रभावित हुई है. जिसमें महमूदाबाद तहसील के ब्लॉक रामपुर मथुरा व तहसील बिसवां के ब्लॉक रेउसा में बाढ़ का पानी अब गांवों में लोगों के घरों में घुसने लगा है. आज सुबह करीब 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से हालात बाढ़ जैसे हो गए हैं. आवागमन बाधित हो गया है. ग्रामीणों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. बताते चलें कि सरयू के जलस्तर बढ़ने से विकास खण्ड रामपुर मथुरा की 3000 आबादी प्रभावित हो गयी है जिसमें ग्राम पंचायत अखरी के प्यारे पुरवा, बाबाकुटी, अखरी, शंकर पुरवा में बाढ़ का पानी भर गया है.
लगभग 500 लोगों की आबादी प्रभावित हो रही है, वहीं ग्राम पंचायत अंगरौरा के निरंजन पुरवा, हरिपाल पुरवा, अंगरौरा जिसकी आबादी 400 है, वहीं ग्राम पंचायत कलुवापुर के नया परंगोडा, नई बस्ती जिसकी आबादी 150 के लगभग है. ग्राम पंचायत शुकुल पुरवा के टपरा, रामरूप पुरवा, सुन्दर पुरवा, सोहलिया गंज, कुन्नापुरवा, नगेश्वरपुरवा, बचऊ पुरवा, झगन्तु पुरवा, लोधन पुरवा, छोटे पुरवा जिसकी आबादी 1800 के लगभग प्रभावित है. ग्रामीणों के घरो में पानी घुसने से वो बाढ़ के कैदी बन गए है. ग्रामीणों के भोजन के साथ-साथ जानवरों के चारे की भी समस्या सामने आ पड़ी है. ग्रामीणों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.
वहीं रेउसा ब्लॉक में भारी बरसात व बैराजों से छोड़े गए पानी से घाघरा नदी उफना गयी है. ब्लाक रेउसा की ग्राम पंचायत गौलोक कोंडर के 32 गांवों में बाढ़ की स्थित बन गयी है. बीती शनिवार को सुबह से बढ़े जलस्तर ने रात भर में पासिन पुरवा, परमेश्वर पुरवा, गार्गी पुरवा, राम लाल पुरवा, लोध पुरवा, जंगल टपरी, संबारी पुरवा, सलामत पुरवा, ठेकेदार पुरवा, जिन्ना पुरवा, जैतहिया, श्याम नगर, नगीना पुरवा, सुंदर नगर, श्याम नगर, मरैली, निर्मल पुरवा, कोनी, नई बस्ती आदि गांवों में जलभराव होने से यहां के लोग घरों में मचान व तखत रखकर रह रहे है. बाढ़ आने से इन गांवों के लगभग 10 हजार की आबादी प्रभावित हुई है।बाढ़ के पानी से गांव को जाने वाले मुख्य मार्ग बंद हो गए हैं तहसील प्रशासन द्वारा वहां नावें लगवाई गई है.
ग्रामीणों का कहना है कि इस पानी की वजह से धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो गयी है और तहसील प्रशासन कोई ध्यान नही दे रहा खाने को भी लाले पड़े है. तहसील से जो अधिकारी कर्मचारी आते है वह सब बांध पर से वापस चले जाते हैं हम लोगो की कोई सुधि लेने वाला नही है, हम लोगों को कोई भी राहत सामग्री नहीं उपलब्ध कराई गई है, बाढ़ की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. तहसीलदार अविचल प्रताप सिंह ने बताया कि जंगल टपरी, डिहवा, बसंतापुर, गुरगुजपुर, ठेकेदार पुरवा आदि मुख्य मार्गों पर नाव लगाई गयी है.
खेत में बीते 3 दिनों में हुई तेज बारिश के साथ चली हवा ने गन्ने की फसल व लगभग तैयार हो रही धान के फसल को खेतों में गिरा दिया जिस पर अब उतना ही घाघरा नदी के बाढ़ का पानी उन फसलों को पूरी तरीके से नुकसान पहुंचाएगा.
बाढ़ क्षेत्र में प्रसासन की सक्रियता की बात करें तो जल स्तर में वृद्धि होने की सूचना पाकर शनिवार को बाढ़ चौकी मारूबेहड़ तक पहुंचकर अपर जिलाधिकारी राम भरत त्रिपाठी ने स्थितियों की जानकारी ली जिनके साथ उप जिलाधिकारी पी.एल. मौर्य भी मौजूद रहे. उनके द्वारा बाढ़ प्रभावित लोगों को खाने के पैकेट वितरण कराया गया है. वह लगातार अपनी राजस्व टीम के साथ बाढ़ क्षेत्र में बने हुए हैं. सभी को अलर्ट मोड पर रखा गया हैं और किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार हैं.बाढ़ की स्थित पर लगातार निगरानी की जा रही है.
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