UP Train Accident: देश के अलग-अलग हिस्सों में रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ कर या उस पर कोई सामान रखकर ट्रेनों को पलटाने की साजिश रचने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है. इसी कड़ी में यूपी में बीते छत्तीस घंटे में दो जगहों पर गुड्स ट्रेनों को पलटाने की साजिश रची गई. कानपुर में आज सुबह रेलवे ट्रैक पर खाली गैस सिलेंडर रखा गया तो वहीं प्रयागराज में पत्थर रखकर ट्रेन को डिरेल करने की साजिश रची गई. हालांकि राहत की बात यह रही कि दोनों साजिशें नाकाम हो गई और दोनों ट्रेन और उनमें सवार रेल कर्मचारी पूरी तरह सुरक्षित रहे
पहली घटना यूपी के कानपुर की है. यहां दिल्ली हावड़ा रूट पर आज सुबह तकरीबन 5:50 पर एक मालगाड़ी प्रयागराज की तरफ रवाना हुई. प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के पास इस मालगाड़ी को लूप लाइन पर डाल दिया गया. यहां सिग्नल से पहले लोको पायलट देव आनंद गुप्ता और सहायक लोको पायलट सीबी सिंह की नजर रेलवे ट्रैक पर रखे संदिग्ध सामान पर गई. दोनों पायलटों ने खतरे की आशंका को भांपते हुए फौरन इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया. इन्होंने पास पहुंचकर देखा तो ट्रैक पर पांच किलो का एक खाली एलपीजी सिलेंडर रखा हुआ था.
आरपीएफ मामले की जांच कर रही
इसी तरह की एक दूसरी घटना संगम नगरी प्रयागराज में देखने को मिली है. यह वारदात शुक्रवार देर रात की है. यहां डीएफसी यानी मालगाड़ियों को चलाने के लिए बनाए गए अलग डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर एक पत्थर रखा गया तकरीबन तीन किलो वजन के इस पत्थर से मालगाड़ी रगड़ भी खाई. इंजन से कुछ टकराने की आवाज आने के बाद पायलटो ने ट्रेन को रोक कर देखा तो रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखा हुआ मिला. पत्थर और मालगाड़ी के इंजन को देखकर उनके रगड़ खाने के निशान भी देखने को मिले हैं.आरपीएफ इस मामले की जांच कर रही है.
दोनों ही मामलों ने ट्रेनों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करते हुए रेल महकमे की नींद उड़ा दी है. यूपी में हुए यह दोनों मामले रेलवे के लिए चिंता का सबब बन गए हैं. नॉर्थ सेंट्रल रेलवे जोन के प्रयागराज मंडल के पीआरओ अमित सिंह के मुताबिक रेलवे की सतर्कता और कर्मचारियों की सूझबूझ से संभावित घटनाओं को टाल दिया गया है. उनके मुताबिक लगातार हो रही यह घटनाएं चिंता का सबक जरूर है. लेकिन रेल कर्मचारी अपने यात्रियों और ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर लगातार सजग हैं. रेलवे ट्रैक की लगातार निगरानी की जा रही है. सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया जा रहा है.
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