शोध के क्षेत्र में यूपी के विश्वविद्यालयों ने रचा इतिहास, देश में चौथे नंबर पर कानपुर यूनिवर्सिटी
देश भर में शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय व विवि अनुदान आयोग यूजीसी के सहयोग से शोध गंगा पोर्टल तैयार किया गया.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा को नए आयाम देने के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उच्च शिक्षा को भी नई ऊंचाईयों तक पहुंचा रहे हैं. पूर्वांचल के विकास के साथ यहां उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए प्रयासों के परिणाम आना शुरू हो गए हैं. मानव संसाधन विकास मंत्रालय व यूजीसी के सहयोग से शोध को बढ़ाने के लिए बनाए गए शोध गंगा पोर्टल पर 6 महीने पहले देश में पांचवा स्थान रखने वाला कानपुर विश्वविद्यालय अब देश में चौथे और प्रदेश में अव्वल नम्बर पर आ गया है. विश्वविद्यालय की ओर से शोध गंगा पोर्टल पर अब तक 9867 थिसिस अपलोड की गई है. इसके अलावा पूर्वांचल विश्विद्यालय 8211 थिसिस अपलोड कर टॉप छह में अपनी जगह बनाए हुए है.
देश भर में शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय व विवि अनुदान आयोग यूजीसी के सहयोग से शोध गंगा पोर्टल तैयार किया गया. यूजीसी की ओर से सभी विश्वविद्यालय को इस पोर्टल पर अपनी थीसिस अपलोड करने के निर्देश भी दिए हैं. इससे थीसिस कंटेंट चोरी पर लगाम लगी है. इसके अलावा एक शोधार्थी के किए गए शोध कार्य दुनिया के दूसरे कोने में बैठे अन्य शोधार्थी देख सकते हैं और उसका फायदा भी उठा सकते हैं.
ये हैं टॉप तीन विश्वविद्यालय
प्रदेश में 17 राज्य विश्वविद्यालय हैं. कानपुर का छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय देश भर के विश्वविद्यालयों में 4 वें स्थान पर है. विश्विद्यालय की ओर से 9867 थीसिस अपलोड की गई है. वहीं, 8211 थीसिस के साथ वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि जौनपुर देश भर में पांचवे नम्बर पर है. इसके अलावा 4598 थीसिस के साथ डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विवि अयोध्या भी टॉप विश्वविद्यालयों में अपनी जगह बनाए हुए हैं. यहां पिछले छह महीने में काफी तेजी से काम हुआ है. चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ से 2122 थीसिस अपलोड की गई.
यूपी के विश्वविद्यालय शोध में आगे
आचार्य नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय 186, लखनऊ विश्वविद्यालय 1047, इलाहाबाद विश्वविद्यालय 1356, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की ओर से 2122 थिसिस (शोध कार्य) गंगा पर अपलोड किए गए हैं. इसके अलावा सरकार के सहयोग से प्रदेश के निजी विश्विद्यालय भी शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं.
क्या है शोध गंगा एप?
जानकारों के मुताबिक कुछ साल पहले तक शोधार्थियों द्वारा कॉपी-पेस्ट करके शोध प्रस्तुत कर काम किया जा रहा था. इससे शोध की गुणवत्ता पर काफी असर पड़ता था. एमएचआरडी ने शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नए सॉफ्टवेयर शोध गंगा एप की शुरूआत की. इसमें विश्वविद्यालयों को अपने यहां हुए शोध की सीडी पोर्टल पर अपलोड करना होती है. अब तक पूरे देश के 476 विश्वविद्यालयों द्वारा 2,91,848 थिसिस पोर्टल पर अपलोड कर चुके हैं.
कानपुर विश्विद्यालय की कुलपति प्रों नीलिमा बताती हैं कि थीसिस अपलोड करने का काम अभी जारी है. देश में थीसिस अपलोड करने में कानपुर यूनिवर्सिटी नंबर चार पर आ गई है.
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