यूपी-उत्तराखंड में मनरेगा मजदूरों को मिलती है महज इतनी मजदूरी, इस राज्य में मिलता है अधिक पैसा
UP News: राज्यसभा में ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश पासवान ने जिस सवाल का जवाब दिया है उसके अनुसार पूर्वोत्तर के बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मनरेगा मजदूरों को सबसे कम मजदूरी मिलती है.
UP MGNREGA Workers Wages: राज्यसभा में सीपीआई सांसद संतोष कुमार पी और आप सांसद संत बलबीर सिंह ने ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश पासवान से पूछा था कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के मजदूरों को राज्य-वार कितनी धनराशि दी जाती है और मजदूरी दर क्या है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि यह कितने सालों से लागू है इस की जानकारी बताएं. अब इस सवाल का जवाब ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश पासवान ने दिया है.
ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश पासवान ने जिस सवाल का जवाब दिया है उसके अनुसार पूर्वोत्तर के बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मनरेगा मजदूरों को सबसे कम मजदूरी मिलती है. जबकि हरियाणा में मनरेगा मजदूरों को सबसे ज्यादा मजदूरी मिलती है. जहां नागालैंड और अरुणांचल प्रदेश में 234 रुपये मजदूरी दर है, जबकि यूपी और उत्तराखंड में 237 रुपये है. वहीं हरियाणा में देश में सबसे ज्यादा मजदूरी 374 रुपये है, इसके साथ ही सिक्कम (3 जीपीएस) में मजदूरी दर 374 रुपये है.
वहीं अगर पिछले पांच वित्तीय वर्षों 2019-20 से वर्तमान वर्ष 2024-25 तक (6 अगस्त 2024 की स्थिति के अनुसार) महात्मा गांधी नरेगा के तहत मजदूरी घटक के लिए जारी निधि राज्य वर देखें तो यूपी को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4140 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं जो कि सभी राज्यों में सबसे अधिक. इसके साथ ही उत्तराखंड को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 217 करोड़ जारी किए हैं. वहीं राजस्थान को दूसरे नंबर पर है जिसे वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 3470 करोड़ रुपये मिले हैं.
वित्तीय वर्ष 2024-25 में यूपी को मिले 4140 करोड़ रुपये
अगर यूपी में वित्तीय वर्ष 2019-20 से वर्तमान वर्ष 2024-25 तक जारी की गई धनराशि की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2019-20 में 4338 करोड़ रुपये, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 7818 करोड़ रुपये, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 6644 करोड़ रुपये, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 6572 करोड़ रुपये, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 7117 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4140 करोड़ रुपये है. वहीं उत्तराखंड में वित्तीय वर्ष 2019-20 से वर्तमान वर्ष 2024-25 तक जारी की गई धनराशि पर नजर डालें तो 2019-20 में 307 करोड़ रुपये, 2020-21 में 713 करोड़ रुपये, 2021-22 में 503 करोड़ रुपये, 2022-23 में 434 करोड़ रुपये, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 385 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 217 करोड़ रुपये है.
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