नोएडा, एबीपी गंगा। एबीपी गंगा उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की खबरों में जाना पहचाना नाम बन चुका है। चैनल ने आज एक साल पूरा कर लिया है। इस मौके पर एबीपी गंगा के संपादक राजकिशोर ने एक साल के दौरान चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि एबीपी गंगा की टैग लाइन है, 'खबर आपकी जुबां आपकी''। हमने सभी खबरों को आम लोगों तक सरल तरीके से पहुंचायी। राजकिशोर ने कहा कि जिस तरह गंगा की धारा अविरल होती है, हमारी कोशिश रही है कि खबरों का प्रवाह तथ्य परक, हर कसौटी पर जांचा परखा गया हो। उन्होंने कहा कि जब चैनल लॉन्च किया गया उस दौरान लोकसभा चुनाव, पाकिस्तान से तनाव जैसे तमाम मुद्दे थे और तेजी से घटनाक्रम बदल रहा था।


संपादक राजकिशोर ने कहा कि एबीपी परिवार के गौरवशाली इतिहास के चलते हम किसी भी चुनौती से विचलित नहीं हुये। उन्होंने कहा कि गंगा जैसा नाम है, वह किसी से भेद नहीं करती, गंगोत्री से निकलकर गंगा सागर में संपूर्ण होती है। जिस तरह गंगा की पतली सी धारा का विस्तार होता है, उसी तरह हमारा चैनल भी लगातार विस्तार करता रहा। इस दौरान राजकिशोर ने तमाम बड़ी कवरेज यूपीपीसीएल घोटाला, चिन्मयानंद, सेंगर केस से लेकर सीएए प्रोटेस्ट को सफलता पूर्वक दर्शकों के सामने रखने की बात कही।



एबीपी के नेशनल चैनल पर एक विशेष कार्यक्रम के दौरान यूपी व उत्तराखंड के संवाददाताओं ने भी अपने अनुभव साझा किये। यूपी के ब्यूरो चीफ वीरेश पांडे ने चैनल की टैगलाइन का जिक्र करते हुये कहा कि 'खबर आपकी जुबां आपकी''...उन्होंने कहा कि हमने लोगों की जुबां में लोगों तक खबरें पहुंचायी। वीरेश ने कहा कि यूपी-उत्तराखंड में एबीपी गंगा ने अपनी पहचान बनायी। लोगों के बीच इस नाम को लेकर भरोसा मजबूत हुआ। हम निर्भिक होकर खबर को तथ्य के साथ रखते हैं। वहीं प्रयागराज के संवाददाता मोहम्मद मोइन ने कहा कि गंगा-जमुनी तहजीब वाले शहर में एबीपी गंगा ने हर खबर को सच्चाई के साथ पेश किया। मोइन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का जिक्र करते हुये कहा कि खबरों के लिहाज से कोर्ट की तमाम बेहद महत्वपूर्ण खबरें यहां से निकलती हैं, जिन्हें तथ्यों के साथ लोगों के बीच रखना होता है।


वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड के ब्यूरो चीफ अजीत राठी ने कहा कि इस राज्य की अलग चुनौतियां हैं। पहाड़ी इलाकों में कई तरह की दिक्कतें आती हैं। उन्होंने एबीपी गंगा की पहचान पर अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने कहा कि बिना पुष्ट हुये खबरें हमारी टीम कभी भी नहीं चलाती है या उसे आगे बढ़ाती है। इसी तरह वाराणसी, कानपुर, मेरठ के संवाददाताओं ने समाचार और उनके संकलन को लेकर अपने अनुभव साझा किये।