UP News: श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मामले को लेकर सर्वे हुआ है. सर्वे में काले पत्थर जैसी चीज मिली है. इसे हिन्दू पक्ष शिवलिंग और मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है, लेकिन अब शिवलिंग की पूजा को लेकर दावेदारी शुरू हो गयी है. काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी अब शिवलिंग पूजन को लेकर अपना दावा कर रहे हैं. कुलपति तिवारी इसे लेकर कोर्ट में सोमवार को याचिका भी डालेंगे.
महंत ने दिखाई 1780 की फोटो
दरअसल, महंत ने एबीपी गंगा को सन 1780 की फोटो दिखाकर हकीकत को बयां किया. इसके साथ ही संत समाज अपनी दावेदारी पेश कर रहा है. अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती की माने तो व्यास परिवार और काशी की जनता के साथ नागा सन्यासी और संत परम्परा भी शिव पूजन का अधिकारी मांग रही है. काशी की जनता और खासकर सिख समुदाय भी शिवलिंग पूजन के समर्थन में उतर गया है. आपको बता दें कि सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की पूजा की मांग बढ़ रही है. मामला कोर्ट में है लेकिन भावनाओं के देखते हुए कोर्ट के आगे के निर्णय पर सबकी नजर होगी.
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क्या कहा सपा सांसद ने?
ज्ञानवापी मामले पर सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि, ज्ञानवापी में जो शिवलिंग की बात की जा रही है वो बिल्कुल सच नहीं है. उसके अंदर कोई भी ऐसी चीज क्यों रखी जाएगी. जिससे किसी भी दूसरे मजहब के लोगों को कोई मौका मिले. ये लोग जीतने के लिए नफरत और ध्रुवीकरण करना चाहते हैं. हिंदू-मुस्लिम नफरत बढ़ाकर वोट लेने की कोशिश कर रहे हैं. मुसलमानों को दबाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम किसी भी हाल में डरेंगे नहीं. हमसे हमारी मस्जिद कोई नहीं छीन सकता है.
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