UP Vidhan Sabha Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र से पहले समाजवादी पार्टी के नेता और राज्य के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है.  उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के बगैर समाजिक न्याय नहीं हो सकता है. 2024 के चुनाव में भी जातीय जनगणना मुद्दा रहेगा . यह सरकार नहीं चाहती की हम जनता से सवाल को उठायें. सबसे बड़ी बात यह है की सरकार विपक्ष का सामना नहीं करना चाहती है. सत्र का समय इसलिये कम रखा गया की सदन में चर्चा न हो. 


अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार रोजगार नहीं दे रही है. बिजली महंगी है. जानवर सड़क पर घूम रहे हैं.  अभी तक धान खरीदने का कोई इतंजाम नहीं है. जातीय जनगणना के मुद्दे पर अखिलेश ने कहा कि "मुझे खुशी है इस बात की कि देश के बहुत सारे राजनीतिक दल जातीय जनगणना के पक्ष में खुलकर सामने आए. जातीय जनगणना के बिना सामाजिक न्याय संभव नहीं है."


अखिलेश यादव ने कहा कि 'इन्वेस्टमेंट कहीं नहीं दिख रहा है. आज तक इतना समय बढ़ाने के बाद भी सड़के गड्ढा मुक्त नहीं हुई. गन्ने का रेट नहीं बढ़ाया इन्होंने, धान नहीं खरीदा, जानवर से आज भी किसानों की जान जा रही है.'



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'इस सत्र की अवधि बहुत कम रखी'
सपा नेता ने कहा कि ''जो सत्र शुरू होने वाला है, उसमें सरकार विपक्ष का सामना नहीं करना चाहती. सरकार विपक्ष के सवालों से बचना चाहती है...सरकार जनता के सवालों से भागना चाहती है, इसीलिए उन्होंने इस सत्र की अवधि बहुत कम रखी है.”


इसके अलावा उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत पर विपक्ष के विधायक काले वस्त्र पहने नज़र आए. इस पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "ये सरकार और नई नियमावली का विरोध है. लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं. जनता ने हमें चुनकर भेजा है. सरकार नहीं चाहती कि हम सरकार के सामने जनता के सवाल उठाएं इसीलिए नए नियम ला रहे हैं. हम लोकतंत्र की मर्यादा में रहकर अपने सवाल उठाएंगे."