महोबा, एबीपी गंगा। जो काम सरकार ने एक साल में नहीं किया वो काम एक बाघ के खौफ ने महज एक दिन में कर दिया, जी हां सुनने में यह बड़ा ही अटपटा लग रहा होगा लेकिन हमीरपुर और महोबा जिले के आधा दर्जन गांवों की यही हकीकत है, जहां दोनों जिलों को करीब एक साल पहले ही खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया गया था, हर घर में शौचालय भी बनवा दिए गए थे लेकिन आदतन लोग खुले में ही शौच को अपना धर्म बनाये थे। चंद रोज पहले इलाके में एक बंगाल टाइगर ग्रामीणों को जंगलों में दिखाई दिया फिर क्या पूरे के पूरे गांव अपने आप ही ओडीएफ हो गये।
ग्योडी गांव की जहां लोग आमतौर पर शौच के लिए बाहर जाते थे। यहां के लोगों की दिनचर्या खेत से शुरू होकर खेत में ही खत्म होती थी लेकिन एक बाघ के खौफ के चलते अब खुले में शौच जाना तो दूर लोगों ने अपने खेतों में जाना छोड़ दिया। शाम होते ही लोग अपने अपने घरों में दुबक जाते है और जब निकलते हैं तो झुंड में वो भी लाठी डंडो और हथियारों के साथ।
महोबा और हमीरपुर जिले के गयोढ़ी और कुनेह्टा इलाके का है। जहां बीते दिनों पहले एक खेत में बाघ देखे जाने से किसानों में दहशत का माहौल बन गया और आनन-फानन में इसकी सूचना वन विभाग और पुलिस को दी गई। टाइगर की सूचना मिलने पर गयोढ़ी के जंगलों में पहुंची महोबा -हमीरपुर की पुलिस और वन विभाग की टीमो ने सतर्कता पूर्वक बाघ को पकड़ने के लिए बाघ के पैरों के निशान पर सर्च ऑपरेशन चलाया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। लेकिन ग्रमीणों को उसके दहाड़ने की आवाजें जरूर सुनाई दी, कुछ जानवरों के कंकाल भी मिले जिसके चलते लोगों के जेहन में बाघ का खौफ बैठ गया और लोगों ने अपने घर में ही बने शौचालय का उपयोग करने में अपने भलाई समझी और आधा दर्जन गांव अपने आप ओडीएफ हो गये !
महोबा और हमीरपुर जिले के बार्डर के गांवों के जंगलों में बंगाल टाइगर देखे जाने के बाद ग्रामीण दहशत में हैं। इन जंगलों की विशाल श्रंखला पन्ना टाइगर रिजर्व के जंगलों से मिलती है जिसके चलते यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह टाइगर लगभग 150 किलोमीटर की यात्रा करते हुए यहां आ पहुंचा है ,फिलहाल इस टाइगर ने अभी तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है लेकिन उसकी मेहरबानी से आधा दर्जन गांव ओडीएफ हो गये है, जिस काम को सरकार करोड़ो रूपये खर्च कर नहीं कर पाई वो काम बाघ की दहाड़ ने जरूर कर दिया।
महोबा के जिला वन अधिकारी रामजी राय ने बताया कि गांव में कुछ दिन पहले टाइगर को देखा गया था और हमारी तरफ से लोगों को बताया गया था कि बाहर न घूमे इसका व्यापक प्रचार किया गया था। टाइगर ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। और इसके चलते गांव ओडीएफ जरूर हो गया है।
एक ग्रामीण के मुताबिक टाइगर की दहशत से लोगों ने अपने शौचालयों का उपयोग करना चालू कर दिया है। पहले सड़क किनारे व जगह जगह गंदगी देखी जाती थी। बदबू आती थी। पर टाइगर की दहशत से स्वच्छ भारत मिशन में लोग सहयोग करने लगे हैं।