Chitrakoot Rain News: देश में 1 जून को मानसून ने दस्तक दे दी है, लेकिन इस 25 दिनों में चित्रकूट में एक भी दिन झमाझम बारिश नहीं हुई है. जून के पहले सप्ताह में देश के करीब 90 फीसदी हिस्से में कम से कम एक दिन तो बारिश हो ही जाती थी, पर इस बार ऐसा नहीं हुआ है. आलम यह है कि जून में अब तक देश के कई हिस्सों में मानसून आ गया झमाझम बारिश हो गई लेकिन चित्रकूट बारिश की बूंदों के लिए तरस रहा है.


अमूमन देश में 1 जून से मानसून की शुरुआत हो गई है. दक्षिण-पश्चिमी हवाओं की वजह से मानसून इस तिथि को अपन पहले पड़ाव केरल के तट पर आता है और उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में जून के आखिरी हफ्ते तक पहुंचता है. ऐतिहासिक रूप से ऐसा प्री मानसून या मानसून के पहले पहुंचने के कारण होता है और लगभग मनसूबा भी गया है, कही झमाझम बारिश से सड़के तालाब बन गई है तो वहीं चित्रकूट बारिश की बूंदों की राह ताक रहा है. जहां एक तरह सूरज की बढ़ती तपिश से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है तो वहीं चित्रकूट के किसान धान की खेती को लेकर परेशान हो गए हैं.


आपको बता दें कि 15 जून से मानसून आते ही बारिश होने लगती है लेकिन इस बार मानसून आने के कई दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक झमाझम बारिश चित्रकूट में नहीं हुई है. जिसके चलते किसान अपनी धान की रोपाई करने के लिए बेहद परेशान हो गए हैं. किसानों का कहना है कि धान की खेती के लिए वह लेट होते जा रहे हैं. क्योंकि अभी तक इंद्रदेव ने पानी की वर्षा नहीं की है जिससे उनके खेत सूखे पड़े हैं. किसानों ने खेतों की जुताई तो कर दी है लेकिन बुवाई का काम अभी रुका पड़ा है. अगर बारिश न हुई तो ऐसे में उनको पैसे में पानी खरीद कर अपने खेतों में लगाना पड़ेगा, जिससे उनको काफी नुकसान हो जाएगा. वहीं किसान उम्मीद लगाए हुए है कि अगर इंद्रदेव समय से बारिश कर देते हैं तो उनको धान और गेहूं की फसलों को काफी फायदा मिलेगा.


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