पूर्वांचल इस समय प्रचंड गर्मी की मार झेल रहा है. सभी लोगों की उम्मीद मानसून पर टिकी हुई है. इसी बीच अलग-अलग विधियों और परंपराओं द्वारा इंद्रदेव को प्रसन्न कर अच्छी बारिश के लिए लोगों द्वारा प्रार्थनाओं का दौर भी शुरू हो चुका है. मान्यताओं का शहर कहे जाने वाले काशी में भी लोगों ने एक अनोखे किस्म के वैवाहिक परंपरा को निभाया जिसके माध्यम से अच्छी बारिश के लिए इंद्र भगवान से गुहार लगाई गई. वहीं  दूसरी तरफ मौसम वैज्ञानिकों की माने तो जून के तीसरे और चौथे सप्ताह में वाराणसी सहित पूर्वांचल में बारिश की संभावना देखी जा रही है.


काशी में रचाई गई मेंढक और मेंढकी की शादी
परंपराओं का शहर कहे जाने वाले काशी के पहड़ियां स्थित प्राचीन मंदिर में एक अनोखी परंपरा का निर्वहन किया गया. दरअसल अच्छी बारिश की मनोकामनाओं के साथ लोगों मेंढक और मेंढकी की पारंपरिक विधि अनुसार शादी रचाई. कहा जाता है कि इससे इंद्र भगवान प्रसन्न होते हैं और उनके प्रसन्न होने से उस वर्ष अच्छी बारिश होती है.


पूजा में शामिल सत्यम कुमार जायसवाल ने कहा कि - इस बार प्रचंड गर्मी और धूप से आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित होता देखा जा रहा है. आम आदमी के साथ-साथ पशु पक्षी भी बेहाल हैं.  हमने अपनी पुरानी मान्यताओं के अनुसार मेंढक और मेंढकी की विधि विधान से शादी रचाई है. हमारी इंद्र भगवान से प्रार्थना है कि वह प्रसन्न होकर राज्य में अच्छी बारिश होने का आशीर्वाद प्रदान करें. मंदिर में इस अनोखी शादी की रस्म को पूर्ण करा रहे पुजारी राकेश चौबे ने कहा कि  - सृष्टि पर जब भी कोई विपदा आती है तो लोग भगवान की शरण में जाते हैं. और इस बार पड़ रही भयंकर गर्मी किसी आपदा से कम नहीं. अच्छी बारिश की मनोकामनाओं के साथ भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए प्राचीन समय से ही लोग अनेक रस्मो को निभाते रहें हैं.  इन्हीं मनोकामनाओं के साथ आज विधि विधान से मेंढक और मेंढकी की शादी रस्म को पूर्ण किया गया है. और लोगों की आस्था है कि इस बार जरूर मानसून बेहतर होगा और अच्छी बारिश देखने को मिलेगी.


जून के तीसरे - चौथे सप्ताह में हो सकती है बारिश
मौसम वैज्ञानिकों की माने तो काशी सहित पूर्वांचल में जून के तीसरे और चौथे सप्ताह में मानसून की दस्तक हो सकती है. अभी कुछ दिनों तक प्रचंड गर्मी और धूप का असर जारी रहेगा. हालांकि इस समय अधिकतम तापमान 46 डिग्री से भी  ऊपर पहुंचने के बाद लोगों की सारी उम्मीदें मानसून पर टिकी हुई है. ऐसे में देखना होगा कि इस बार उत्तर भारत में मानसून की क्या स्थिति रहती है.