UP News: उत्तर प्रदेश में बुजुर्ग पुजारियों और पुरोहितों के लिए कल्याण बोर्ड के गठन के फैसले का संत समाज ने स्वागत किया है. इसके लिए सीएम योगी को धन्यवाद किया है. संतों, पुरोहित, पुजारियों ने कहा कि इसके माध्यम से मठ मंदिर में रहने वाले बुजुर्ग साधु-संतों को आर्थिक सहायता प्राप्त होगी. सीएम योगी का यह आदेश साधु संतों के लिए आर्थिक संजीवनी का काम करेगा.
बताते चलें कि आर्थिक रूप से कमजोर साधु-संतों और पुरोहितों को इस कल्याण बोर्ड के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी. सीएम योगी के इस आदेश का अयोध्या के संत समाज ने स्वागत किया है.
संतों को इस आदेश से मिलेगी बड़ी मदद
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि आजादी के 70 से 72 सालों में ऐसी कोई पार्टी नहीं है ऐसा कोई नेता नहीं है जिसने इस प्रकार का आदेश जारी किया हो. पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में साधु संतों के लिए इस प्रकार का आदेश दिया है साथ ही उन्होंने बताया कि ऐसे बहुत से संत, महंत हैं जो राम नाम के सहारे रहते हैं. उनके आय का कोई स्रोत नहीं है. उनके पास मंदिर हैं, ऐसे में मठ, मंदिर में राग भोग लगाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ऐसी स्थिति में इस बोर्ड के गठन के बाद उनको सहायता प्रदान होगी.
अयोध्या संत समिति के महामंत्री पवन दास शास्त्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम स्वागत योग्य है. इसकी प्रशंसा की जानी चाहिए. साधु संतों की गरिमा का यह देश रहा है. इसी गरिमा से परिपूर्ण होकर सभी लोग आनंदित होते रहे. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि बहुत अच्छी बात है. साधु संतों में बहुत प्रसन्नता है.
साधु संतों के लिए कल्याण बोर्ड की स्थापना के लिए जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है आज तक किसी पार्टी किसी नेता ने नहीं किया था.
सीएम को दिया धन्यवाद
आजादी को 70 से 72 साल बीत चुके लेकिन साधु-संतों का कोई नाम ही नहीं लेता था. धन्यवाद है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिन्होंने सोचा कि कल्याण बोर्ड बनेगा. बहुत से संत ऐसे हैं जो गरीब हैं राम नाम के सहारे रहते हैं जिनके पास मंदिर तो है लेकिन आय का स्रोत कुछ नहीं है. जो श्रद्धालु मेले में आते हैं जो दे दिया उसी से काम चलाते हैं. कुछ ऐसे मंदिर हैं जिसमें बड़ी मुश्किल से भोग लग रहा है. ऐसी स्थिति में यह कल्याण बोर्ड से उन्हें सहायता मिलेगी.
संत समिति ने कहा- यह स्वागत योग्य कदम है
संत समिति के महामंत्री पवन दास शास्त्री ने कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है. इसकी भूरी भूरी प्रशंसा की जानी चाहिए. आजादी से पूर्व से ही लेकर साधु संतों की उपेक्षा की जा रही थी, इनको जो मान सम्मान मिलना चाहिए नहीं प्राप्त हुआ था. यह आदेश स्वागत के योग्य है साथ ही उन्होंने अपील की कि इस परिकल्पना को साकार करने के लिए सभी अधिकारियों को कर्मचारी वर्ग के जितने भी लोग हैं सभी लोग ईमानदारी के साथ कार्य करें.
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