UP News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर देशवासियों से 'एक पेड़ मां के नाम' लगाने का आह्वान किया था. पर्यावरणविद् चिंतित हैं कि दुनिया में ग्लोबल वॉर्मिंग जीव सृष्टि के लिए नया संकट खड़ा करने जा रहा है. यह संकट मनुष्य के स्वार्थ ने प्रदान किया है, इसलिए इसे नियंत्रित करने की जिम्मेदारी भी मनुष्य पर ही होनी चाहिए. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के संवैधानिक मुखिया के रूप में पीएम मोदी का यह आह्वान हर भारतवासी के लिए मंत्र बनना चाहिए.


पांच जून के बाद से प्रदेश में लगातार पौधरोपण महाभियान के साथ 'एक पेड़ मां के नाम' लगाने का यह गौरव लगभग हर परिवार को प्राप्त होने जा रहा है. यूपी की कुल आबादी 25 करोड़ है, हम 36.50 करोड़ पौधरोपण कर रिकॉर्ड तोड़ने जा रहे हैं. ऐसे में यूपी में आज एक दिन के भीतर हर मातृशक्ति के नाम पर तीन पेड़ लगने जा रहे हैं. सुबह से अब तक लगभग 12 करोड़ पौधे रोपे जा चुके हैं. हमें पौधों को लगाना, बचाना और इसके जरिए पर्यावरण को संरक्षित करना है. 


उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं. वहीं सीएम के नेतृत्व में शनिवार को उत्तर प्रदेश में एक दिन (20 जुलाई) में 36.50 करोड़ पौधरोपण महाअभियान का शुभारंभ हुआ. सीएम योगी ने पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 'एक पेड़ मां के नाम' को समर्पित 'पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ जन अभियान-2024 के तहत पौधा लगाया. सीएम योगी ने कहा कि गत वर्ष बड़े क्षेत्रफल में अक्टूबर में बाढ़ आई थी. बाढ़ का समय अगस्त से मध्य सितंबर तक रहता है. पहली बार जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही बाढ़ की विभीषिका झेलने को मजबूर होना पड़ा. इससे यूपी के 24 जनपद,  20 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित रही.


उन्होंने कहा कि नेपाल व उत्तराखंड की अतिवृष्टि के कारण यह बाढ़ के चपेट में आए. यह ग्लोबल वॉर्मिंग का दुष्प्रभाव है. इस बार मई-जून का महीना लंबे समय तक याद रहेगा. यहां का तापमान अमूमन 42-45 रहता था, लेकिन इस बार यह 47-50 तक पहुंचा. देखा. यह दुष्प्रभाव जल का संकट भी खड़ा करेगा. कहीं असमय बारिश तो कहीं सूखे का संकट होगा. इसके कारण होने वाले परिवर्तन से कई जगहों पर अकाल पड़ने की भी संभावना दिखेगी. 


सात वर्ष में हमने लगाए 168 करोड़ पौधे
सीएम योगी ने कहा कि 2017 में यूपी में सरकार बनने के बाद पीएम के मार्गदर्शन व नेतृत्व में हमने पौधरोपण अभियान प्रारंभ किया. सात वर्ष में भाजपा नेतृत्व की सरकार ने 168 करोड़ पौधरोपण किया. प्रदेश के अंदर थर्ड पार्टी के जरिए इनका सर्वे कराया तो पता चला कि 75-80 फीसदी पेड़ अभी भी जीवित हैं और अच्छी वाटिका के रूप में स्थापित हैं. वैश्विक संस्थाएं भी इसे मान्यता दे रही हैं. कार्बन उत्सर्जन से पर्यावरण को क्षति हो रही है. उसके बचाव के लिए किसानों ने पेड़ लगाने के अभियान के साथ अपना पंजीकरण कराया. वैश्विक संस्थाओं ने उनके कार्यों का निरीक्षण किया. ऐसे 10 किसानों को यहां कार्बन क्रेडिट के रूप में धनराशि उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गई. सरकार के प्रयास का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश सरकार को इसके लिए 200 करोड़ का अनुदान प्राप्त हो रहा है. कार्बन उत्सर्जन रोकने में इन पेड़ों ने भी बड़ी भूमिका निभाई.  पांच वर्ष तक किसानों को लगातार यह धनराशि मिलेगी. पहले चरण में 25 हजार किसानों को इस सुविधा का लाभ प्रदान कर रहे हैं. 


सीएम योगी ने कहा कि लखनऊ सहित छह जिलों को मिलाकर आर्थिक प्रगति के नए मानक के रूप में स्थापित करने के अभियान के रूप में कल ही स्टेट कैपिटल रीजन का गठन किया गया है. विकास का लाभ लंबे समय तक लोगों को तब मिलेगा, जब भौतिक विकास के साथ उससे होने वाली पर्यावरणीय क्षति को न्यूनतम स्तर तक पहुंचाया जाएगा. सीएम योगी ने कहा कि शहरों के अंदर 2017 के पहले स्ट्रीट लाइट हाइलोजन के रूप में जलती थी. इससे बिजली की खपत और कार्बन उत्सर्जन भी अधिक होता था. इसे बदलकर 16 लाख एलडीई स्ट्रीट लाइट लगाई तो बिजली की बचत हुई. इससे जो पैसा बचा, उसी से हर शहर के अंदर अच्छी दूधिया स्ट्रीट लगी. सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करना पर्यावरण व जीव जगत के लिए उत्तम प्रयास है. 


सीएम योगी ने कहा कि 50 साल पहले कुकरैल नदी निकलते हुए गोमती मे मिलती थी. 1984 के बाद भूमाफिया ने अपने स्वार्थ के लिए इसे पाटना शुरू किया, जिससे यह नदी नाला में तब्दील हो गई और बस्तियों के ड्रेनेज को उड़ेलने का माध्यम बन गई. एक तरफ नदी को मारा गया तो दूसरी तरफ गोमती नदी को भी प्रदूषित किया गया. लखनऊ में आकर गोमती काली हो गई.


प्रदेश सरकार ने तय किया कि कुकरैल में नाइट सफारी बनाएंगे. सीएम ने कहा कि इस क्षेत्र के अतिक्रमण को हटाया गया. जिनकी रजिस्ट्री थी, प्रशासन की मदद से एलडीए ने 3100 परिवारों को एक-एक आवास देकर पुनर्वास किया. जिन भूमाफिया ने जमीन के धंधे से जुड़कर लोगों को ठगा, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़कर एलडीए ने इसे खाली करवाया. 


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कभी अकबरनगर के नाम पर प्रदूषण का माध्यम था
सीएम योगी ने कहा कि पहले अकबरनगर के नाम पर यह प्रदूषण का माध्यम बना था, आज वहां श्रीराम के अनुज लक्ष्मण जी के नाम पर सौमित्र वन का गठन हुआ है. मैंने भी हरिशंकरी की वाटिका लगाई. इसके दूसरी ओर शक्ति वन बनने जा रहा है. यह भारत की नदी संस्कृति को बचाने का माध्यम बनेगा. 'एक पेड़ मां के नाम' के साथ नई मजबूती प्रदान करने में यह हमारा मार्गदर्शन करेगा. 


मुख्यमंत्री ने कहा कि हर कोई आज इस अभियान के साथ जुड़ा है. राज्यपाल सीतापुर में इस अभियान को बढ़ा रही हैं. वन विभाग के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार के सभी विभाग इससे जुड़े हैं. हर जनपद, सभी मंत्री, सांसद, विधायक, महापौर, ब्लाक प्रमुख समेत जनप्रतिनिधि भी जुड़े हैं. प्रदेश में पौधों की कमी नहीं है. वन व उद्यान विभाग के पास 50 करोड़ और निजी नर्सरी में चार करोड़ पौधे हैं. सीएम ने विश्वास जताया कि सायंकाल होते-होते शुभ सूचना मिलेगी कि उत्तर प्रदेश ने अपने लक्ष्य को प्राप्त किया है. जब 'एक पेड़ मां के नाम' पर लगा रहे हैं तो इसे बचाने की जिम्मेदारी भी हमारी है. पेड़ बचेगा तो पर्यावरण भी बचेगा. पर्यावरण बचेगा तो ग्लोबल वार्मिंग और हीट वेब की विभीषिका से बच पाएंगे. खतरे की घंटी बज चुकी है. 


बाराबंकी में विरासत वृक्ष ने कई पीढ़ियों को देखा
सीएम योगी ने कहा कि पीएम आवास योजना के 56 लाख लाभार्थियों के घरों में सहजन का पेड़ भी लग रहा है. प्रदेश में सरकार ने विरासत वृक्षों को बचाने की मुहिम को बढ़ाया है. हमें 100 वर्ष से अधिक आयु के पेड़ों को बचाना है. बारांबकी में कल्पवृक्ष है. उसकी आयु 5000 वर्ष है. इसने कई पीढ़ियां देखी हैं. द्वापर युग का यह पेड़ मौजूद है. 


वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने अतिथियों का स्वागत और प्रधान मुख्य वन संरक्षक- विभागाध्यक्ष सुधीर कुमार शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया. इस अवसर पर महापौर सुषमा खर्कवाल,  राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, बृजलाल, संजय सेठ, विधायक ओपी श्रीवास्तव, डॉ. नीरज बोरा, योगेश शुक्ला, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, संतोष सिंह, इंजी. अवनीश सिंह, रामचंद्र प्रधान, अपर मुख्य सचिव (पर्यावरण व वन) मनोज कुमार सिंह आदि मौजूद रहे. 


कुकरैल नदी तट पर हरिशंकरी का पौधा लगा किया शुभारंभ-सीएम   
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सौमित्र वन, कुकरैल नदी तट, अयोध्या रोड लखनऊ में हरिशंकरी का पौध लगाया. इसके पहले सीएम ने इन पौधों को रक्षासूत्र बांधा. इसी के साथ वृक्षारोपण जन अभियान-2024 ( पहली जुलाई से 30 सितंबर 2024) के अंतर्गत एक दिन (20 जुलाई) में प्रदेश में 36.50 करोड़ पौधरोपण महा अभियान का शुभारंभ हुआ. सीएम ने सौमित्र वन के विकास की प्रस्तावित कार्ययोजना का भी अवलोकन किया और इससे जुड़ी लघु फिल्म भी देखी. 
 
विद्यार्थियों में पर्यावरण की अलख जगाने के उद्देश्य से सीएम योगी आदित्यनाथ ने विद्यार्थी अतुल कुमार आनंद, अर्पित सिंह, शिष्ट कुमार तिवारी, पल्लवी शुक्ला, आकांक्षा दुबे को पौध भेंट किया. सीएम ने विद्यार्थियों को पौध लगाने और इसके संरक्षण का आग्रह किया.