UP News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में Swiggy का बैग पीठ पर लादकर पैदल डिलीवरी करने वाली महिला का नाम रिजवाना है. रिजवाना एक बहुत ही गरीब परिवार से आती हैं और इसी गरीबी में अपने बच्चों का पालन पोषण करती हैं. रिजवाना लखनऊ में जगतनारायण रोड स्थित जनता नगरी कालोनी में एक 8 बाई 8 के कमरे में अपने तीन बच्चों के साथ रहती हैं.


दरअसल, पीठ पर Swiggy का बैग लादने वाली रिजवाना swiggy में काम नहीं करतीं हैं बल्कि उन्होंने वो बैग डिस्पोजल समान की डिलीवरी के लिए एक व्यक्ति से 50 रुपए में खरीदा था. रिजवाना बताती हैं कि वह काफी समय से लोगों की दुकानों पर जा जाकर डिस्पोजल सामान बेचती थीं और इसी दौरान उनका पुराना बैग फट गया था जिसके लिए उन्हें नए बैग की आवश्यकता थी. जिसकी वजह से उन्होंने यह बैग खरीदा था. वह बताती हैं कि यह बैग खरीदने के पीछे एक और वजह थी कि यह बाकी बैग से सस्ता था जो कि उन्हें सिर्फ 50 रुपए में मिल गया.


घर-घर जाकर बर्तन धोती हैं रिजवाना
रिजवाना ने बताया की उनके लिए काम करना इसलिए बहुत जरूरी है क्योंकि वह चाहती हैं कि उनके बच्चे पढ़ें. उन्होंने इस साल अपनी छोटी बेटी का स्कूल में एडमिशन करा दिया है और अगले साल अपने लड़के को भी स्कूल में दाखिला दिलवाने का इरादा रखती हैं. रिजवाना ने बताया कि जीवन यापन करने के लिए वह लोगों के घरों में बर्तन धोती हैं और फिर घर आकर दोपहर में 12 बजे से शाम 4–5 बजे तक दुकान–दुकान जा कर डिस्पोजल सामान बेचती हैं. रिजवाना ने बताया कि वह दिन भर में लगभग 6 से 7 किलोमीटर चलकर डिस्पोजल सामान बेचती हैं जिसमें उनकी बचत सिर्फ 60 से 70 रुपए की ही हो पाती है.


काफी समय से पति की नहीं कोई खबर
रिजवाना के पति पिछले तीन साल से घर नहीं आए. वह एक रिक्शा चलाते थे और फिर अचानक उन्होंने परिवार छोड़ दिया. पिछले कुछ दिनों से तो उनकी कोई खबर नही है. रिजवाना के 4 बच्चे हैं जिसमे बड़ी बेटी लुबना की उम्र 22 वर्ष है. रिजवाना ने दो साल पहले उसका निकाह कर दिया था और अब वह अपने ससुराल में रहती है. रिजवाना के बाकी तीन बच्चे बेटी बुशरा (19), नशरा (7) और छोटा बेटा मो. यासीन 11 उनके साथ रहते हैं.


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