जालौन: उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं के लिए रोडवेज बसों के सफर को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए बसों में पैनिक बटन लगाने के निर्देश दिए थे. इसको लेकर इस प्रक्रिया को धरातल पर उतारने का काम शुरू कर दिया गया है. बसों में पैनिक बटन लगने से इसे दबाते ही नजदीकी थाने में सूचना पहुंचेगी और बसों में यात्रियों के साथ होने वाले अपराधों पर भी शिकंजा कसेगा. 


बता दें कि परिवहन निगम की बसों में महिलाएं अब निश्चिंत होकर सफर कर सकेंगी. महिलाओं के साथ कोई भी शख्स छेड़खानी करने की जहमत भी नहीं उठा पाएगा. जीपीएस के जरिए हर समय बसों के संचालन पर भी नजर रखी जा सकेगी. इन सबके लिए निर्भया फंड से रकम खर्च की जाएगी. मालूम हो कि यूपी सरकार ने 11 हज़ार से ज्यादा बसों को पैनिक बटन व जीपीएस सिस्टम लगाने के निर्देश दिए हैं जिसमें उरई रोडवेज की सभी 98 बसों को इस सुविधा से लैस किया जाना है. इन दोनों सुविधा से बसों के लैस होने से महिला यात्री खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी. जीपीएस के जरिए हर समय बसों के संचालन पर भी नजर रखी जा सकेगी.


रोडवेज की 11 हजार 750 बसों में पैनिक बटन लगाए जाएंगे


बसों को इंटीग्रेट करने के लिए प्रदेश भर में इस फंड से करीब 83 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. निर्भया फंड से रोडवेज की 11 हजार 750 बसों में पैनिक बटन और जीपीएस यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम लगाए जाएंगे. इसके लिए टेंडर हो चुके हैं और उरई रोडवेज परिवहन की 98 में से 2 बसों में पैनिक बटन लगा दिया गया है और इंटीग्रेशन का कार्य पूरा होने के बाद इसे इस्तेमाल में लाया जाएगा. अधिकृत कंपनी से द्वारा इसका सॉफ्टवेयर अपडेशन के बाद वीटीएस व कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा. पैनिक बटन दबाने के बाद यह सिस्टम 112 व इंटर सेक्शन से जुड़कर नजदीकी थाने तक सूचना पहुंचाएगा. जो वीटीएस, कमांड सेंटर, 112 व इंटर सेक्टर कंट्रोल रूम से जुड़कर स्थानीय स्तर पर महिलाओं यात्रियों को पुलिस की सुरक्षा प्रदान करेंगे.