UP News: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर से हुई हैवानियत की घटना के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सतर्क हो गई है. जिसके तहत अब डॉक्टरों की सुरक्षा को और भी ज्यादा पुख्ता किया जाएगा. प्रशासन की ओर से इस संबंध में नई गाइडलाइंस जारी कर दी गई है. अब रात में डॉक्टरों के साथ सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहेंगे.
मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए जारी गाइडलाइन को सख्ती से लागू करने के निर्देश जारी किए. इसके तहत प्रदेश के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में एक वार्ड से दूसरे वार्ड तक मरीजों को देखने के लिए जा रहे डॉक्टरों के साथ पैरामेडिकल स्टाफ के साथ सुरक्षाकर्मी भी मौजूद रहेंगे.
यूपी के अस्पतालों में नई गाइडलाइन जारी
अस्पतालों की सुरक्षा के तहत अलग-अलग वार्डों, ब्लॉकों, हॉस्टल और अलग-अलग स्थानों पर रात्रि में अनिवार्य रूप से सुरक्षाकर्मियों को गश्त करनी होगी. अस्पताल के कोने कोने में सीसीटीवी लगाए जाएँगे. जिन पर 24 घंटे निगरानी की जाएगी. अस्पताल में बेडों की संख्या, मरीज और सुविधाओं के अनुसार परिसर के अंदर ही चौकी बनाई जाएगी और अस्पताल पास की पुलिस चौकी के साथ पूरी तरह संपर्क में रहेगा.
नई गाइडलाइंस के तहत अस्पताल में अक्सर होने वाले विवाद और हिंसी का संभावना को देखते हुए यहां अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा. आने-जाने वाले हरेक शख़्स पर नजर रखी जाएगी. अस्पताल के अंदर कोई भी बिना चेकिंग के आ या जा नहीं सकेगा. किसी भी तरह के हथियार लाने की मनाही होगी. अस्पताल परिसर में कोई शराब के नशे में एंट्री नहीं कर सकेगा. अगर ऐसा व्यक्ति ख़ुद रोगी है तो उसे सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में भर्ती किया जाएगा.
मरीज के साथ आने वाले तीमारदार और आम लोगों को प्रमुख क्षेत्र में प्रवेश को नियंत्रित किया जाएगा. मरीज़ों से मिलने के लिए पास आवश्यक होगा. बिना पास के एंट्री नहीं सकेगी. मुख्य सचिव ने इस संबंध में जरूरी दिशा निर्देश सभी अस्पतालों को जारी कर दिए हैं. जिन्हें सख्ती से लागू करने का आदेश दिया गया है. सुरक्षा कर्मियों के लिए भूतपूर्व सैनिक कल्याण निगम के जरिए ही सुरक्षा कर्मियों को रखा जाएगा.
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