UP: विधानसभा चुनाव से पहले इन शहरों में कमिश्नरेट प्रणाली लागू कर सकती है योगी सरकार
डीजीपी मुख्यालय में एक कमेटी पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था की कमियां और सुधार के संबंध में मन्थन कर रही है. गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा व मेरठ में यह व्यवस्था लागू करने पर विचार किया जा रहा है.
Commissionerate System: राजधानी लखनऊ समेत 4 शहरों में कमिश्नरेट प्रणाली की सफलता को देखते हुए अब कुछ अन्य महानगरों में भी ये व्यवस्था लागू करने की तैयारी की जा रही है. फिलहाल गाजियाबाद और प्रयागराज का नाम पहले स्थान पर है. योगी सरकार विधानसभा चुनाव के पहले इन 2 शहरों में कमिश्नरेट लागू कर सकती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह मंत्रालय को चार शहरों में लागू कमिश्नरेट व्यवस्था की समीक्षा के निर्देश दिए हैं जो इस बात का संकेत है कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले दो और शहरों में कमिश्नरेट बनाने का फैसला होना है.
डीजीपी मुख्यालय में एक कमेटी पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था की कमियां और सुधार के संबंध में मन्थन कर रही है. डीजीपी खुद पुलिस कमिश्नरेट के एक-एक शहरों की समीक्षा कर रहे हैं. शहरों से मिल रहे सकारात्मक परिणामों को देखते हुए गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा व मेरठ में यह व्यवस्था लागू करने पर विचार किया जा रहा है.
रेस में गाजियाबाद पहले नम्बर पर है
कमिश्नरेट व्यवस्था लागू करने की रेस में गाजियाबाद पहले नम्बर पर है. गाजियाबाद दिल्ली व एनसीआर से सटा है. वहां की आबादी अधिक है. अपराध और अपराधियों का बोलबोला भी रहता है. दिल्ली व आसपास के अन्य राज्यों के सभी प्रमुख शहरों में केवल गाजियाबाद ही है जहां कमिश्नरेट प्रणाली लागू नहीं है इसलिए लगातार इसकी मांग की जा रही है. उत्तर प्रदेश के बड़े शहर प्रयागराज में भी कमिश्नरेट प्रणाली की जरूरत है. प्रयागराज की आबादी अधिक है और शहर विस्तार लेता जा रहा है. धार्मिक और व्यावसायिक दृष्टि से भी यह शहर महत्वपूर्ण है. यहां हाईकोर्ट होने से संवेदनशीलता और बढ़ जाती है. यही वजह है कि प्रयागराज में कमिश्नरेट प्रणाली की जरूरत बनी हुई है.
इसी तरह मेरठ व आगरा आबादी, कारोबार, पर्यटन के हिसाब से बड़े शहर हैं. यहां भी पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था की मांग बनी हुई है. लखनऊ, नोएडा, कानपुर और वाराणसी में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने से वहां पुलिस के बारे में लोगों की धारणा में बदलाव आया है. अपराध में भी कमी आई है. इसका सबसे बड़ा असर माफिया के खिलाफ होने वाली कार्रवाई पर पड़ा है. वाराणसी की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिल रहा है. इन महानगरों में जनता की समस्याओं की सुनवाई के लिए अधिकारियों की संख्या बढ़ गई है. अधिकारियों द्वारा अपराध और अपराधी से जुड़ी छोटी से छोटी करवाई की मानिटरिंग बारीकी से की जा रही है.
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