Lucknow News: यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश में बाढ़ की वजह से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए इस मानसून में अब तक 163.151 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है. राज्य सरकार ने प्रदेश के बाढ़ से प्रभावित रहे 34 जिलों के 3,12,866 किसानों को मुआवजा जारी किया है.
सर्वाधिक मुआवजा लखीमपुर खीरी के किसानों को दिया गया है. यहां के 1.10 लाख से अधिक किसानों को 70 करोड़ से अधिक रुपये का मुआवजा दिया गया है. राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे कराया गया, ताकि अन्नदाताओं को समय से मुआवजा का भुगतान किया जा सके.
उन्होंने बताया कि नेपाल और पहाड़ी क्षेत्रों से छोड़े गए पानी से प्रदेश के 34 जिलों की 1,10,989.26 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई थी. बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और बाढ़ से क्षतिग्रस्त 33 प्रतिशत से अधिक फसल के नुकसान पर सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाता है.
राहत आयुक्त ने बताया कि बाढ़ से 3,71,370 किसानों की फसल प्रभावित हुई. इसके सापेक्ष अब तक 3,12,866 किसानों को 163.151 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है. इसमें सबसे अधिक लखीमपुर खीरी के 1,10,990 किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई. इसके सापेक्ष अब तक 1,10,105 किसानों को 70.88 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है.
उन्होंने आगे बताया कि इसी तरह ललितपुर के 81,839 किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई. इसके सापेक्ष अब तक 54,462 किसानों को 21.9 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है. वहीं, सिद्धार्थनगर के 30,144 किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई. इसके सापेक्ष 29,261 किसानों को 15.41 करोड़ का मुआवजा दिया जा चुका है.
सीएम योगी के निर्देश पर बाढ़ से प्रभावित अन्नदाताओं को क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा समय से दिया गया है. इनमें अंबेडकरनगर, औरैया, अयोध्या, आजमगढ़, बदायूं, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बाराबंकी, बस्ती, बुलंदशहर, फर्रुखाबाद, गोंडा, गोरखपुर, हमीरपुर, हरदोई, हाथरस, जालौन, झांसी, कानपुर देहात, कुशीनगर, मऊ, मीरजापुर, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, सीतापुर और वाराणसी आदि जिले शामिल हैं. इन जिलों के बाढ़ प्रभावित 98 प्रतिशत अन्नदाताओं को अब तक क्षतिग्रस्त फसलों को मुआवजा दिया जा चुका है.
'देखो-देखो कौन आया, शेर आया शेर आया', BJP विधायक की पिटाई करने वाले वकील का मंच पर सम्मान