Uttarakhand News Today: उत्तराखंड के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने वाली है. राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने के साथ ही बिजली उपभोक्ताओं को उनकी जमा की हुई सिक्योरिटी राशि वापस की जाएगी. 


उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCAL) के अनुसार, लगभग 15 लाख 87 हजार बिजली उपभोक्ताओं को यह सुविधा प्रदान की जाएगी. यूपीसीएल के पास प्रत्येक उपभोक्ता की औसतन 2400 रुपये तक की सिक्योरिटी राशि जमा है, जो अब स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने के बाद लौटाई जाएगी. 


स्मार्ट प्रीपेड मीटर के फायदे
यूपीसीएल ने उपभोक्ताओं को उनके पुराने मीटरों की जगह नए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस कदम का उद्देश्य उपभोक्ताओं को अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बिलिंग सेवा प्रदान करना है. प्रीपेड मीटर से उपभोक्ता पहले से ही बिजली की खपत के अनुसार रिचार्ज कर सकेंगे और बिलिंग की असुविधाओं से मुक्ति मिलेगी. 


यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार के अनुसार, उपभोक्ता पुराने मीटर को बंद करने के बाद अपनी जमा सिक्योरिटी राशि को दो तरीकों से प्राप्त कर सकते हैं. पहला विकल्प यह है कि उपभोक्ता इस राशि को अपने बिजली बिल में समायोजित कर सकते हैं. 


यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि दूसरा विकल्प यह है कि वे इस राशि को अपने प्रीपेड मीटर के रिचार्ज के रूप में जमा कर सकते हैं, जिससे बिना अतिरिक्त रिचार्ज किए ही वह बिजली का उपयोग कर सकेंगे.


सिक्योरिटी राशि की वापसी
यूपीसीएल के पास उपभोक्ताओं की करीब 1200 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी राशि जमा है. यह राशि उपभोक्ताओं को तब दी जाएगी जब उनके घरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे. इस परिवर्तन के दौरान किसी भी उपभोक्ता से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा और यह पूरी प्रक्रिया मुफ्त होगी. 


यूपीसीएल ने केवल घरों और निजी उपभोक्ताओं तक ही नहीं, बल्कि सरकारी दफ्तरों में भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना बनाई है. यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि तीनों ऊर्जा निगमों के अधिकारियों और कर्मचारियों के आवासों पर प्रीपेड मीटर लगाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है. 


इसके अलावा सीएम आवास और राजभवन में भी जल्द ही प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे. अनिल कुमार ने बताया कि अब लोग खुद भी अपने घरों में प्रीपेड मीटर लगवाने के लिए आवेदन कर रहे हैं. आम उपभोक्ताओं के लिए भी जल्द ही इस प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी, जिससे राज्य भर के लोग इस नई प्रणाली का लाभ उठा सकें. 


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