टोल पर जाम से मिलेगी निजात, यूपी सरकार ने किया 'वन नेशन. वन टैग' के साथ करार
यूपीईआईडीए के वित्त सलाहकार केके गुप्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश पहले ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर टोल कलेक्शन को डिजिटल कर चुका है
लखनऊ, अनुभव शुक्ला। यूपी सरकार ने एनएचएआई के वन नेशन वन टैग अभियान के साथ करार किया है। इस करार के बाद राज्य में बनने वाले एक्सप्रेस-वे जैसे पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक वे पर शुरू से ही फास्ट टैग काम करेगा। बतादें कि उत्तर प्रदेश पहले से ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर टोल कलेक्शन को डिजिटल कर चुका है। दरअसल, सोमवार को दिल्ली के डॉक्टर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मौजूद थे। इस दौरान गडकरी ने एनएचएआई के अभियान को लॉन्च किया। गडकरी ने राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि यातायात को सुगम, सुरक्षित और सस्ता बनाने के लिए इस अभियान को अपने राज्यों में लागू करें।
इस दौरान यूपीईआईडीए के सीईओ और अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने एनएचएआई के साथ डिजिटल टोल कलेक्शन को लेकर करार किया। अब इस करार के बाद राज्य में आगे बनने वाले एक्सप्रेस-वे जैसे पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक वे पर शुरू से ही फास्ट टैग काम करेगा। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बाकी राज्यों को भी जल्द से जल्द इस अभियान को लागू करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि फास्ट टैग को जीएसटी से भी कनेक्ट कर दिया गया है और लोग इस टैग में अपने बैंक खाते से सीधे पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि विकसित देशों में जहां लॉजिस्टिक्स का खर्च 6 से 7 प्रतिशत है वहीं भारत में यह खर्च 14 प्रतिशत तक है जिसकी वजह से भारत का विदेशी बाजारों में निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ता है। बेहतर सड़कें और हाई स्पीड सुनिश्चित कर भारत अधिक विदेशी मुद्रा कमा सकता है।
यूपीईआईडीए के वित्त सलाहकार केके गुप्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश पहले ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर टोल कलेक्शन को डिजिटल कर चुका है। आज हुए करार की वजह से आने वाले प्रोजेक्ट्स में भी यह सुविधा उपलब्ध होगी। इससे यातायात को कई फायदे होंगे। गाड़ियों को अनावश्यक रूप से टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा, जिससे ईंधन की व्यर्थ बर्बादी नहीं होगी और लोग यदि अपने गंतव्य तक कम समय में पहुंचेंगे तो उनकी क्षमता का बेहतर उपयोग हो सकेगा।