Dehradun News: उत्तराखंड में उपनल कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन की राह जा सकते हैं. दरअसल हाल ही में राज्य कैबिनेट की बैठक में उपनल कर्मचारियों के लिए 2000 और 3000 रुपये मानदेय में बढ़ोतरी की गई थी, लेकिन इस बात से उपनल कर्मचारी खुश नहीं है. उपनल कर्मचारियों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा उपनल कर्मचारियों की मांगों को लेकर जो उप समिति बनाई गई थी उसकी रिपोर्ट कैबिनेट में नहीं रखी गई है.


रिपोर्ट के आधार पर नहीं हुई मानदेय में बढ़ोत्तरी


उपनल कर्मचारियों ने कहा कि उप समिति द्वारा बनाई गई रिपोर्ट के आधार पर उपनल कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोतरी नहीं की गई है. इसके विरोध में उपनल कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन कर सकते हैं. जिसके लिए उपनल कर्मचारियों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. उपनल कर्मचारी महासंघ के महामंत्री हेमंत रावत ने बताया कि राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों की मांगों के लिए कैबिनेट उपसमिति का गठन किया था. जिस समिति की कई बार बैठक के माध्यम से यह तय हुआ था कि उपनल कर्मचारियों की जो मांगे होंगी इस समिति के माध्यम से आगे बढ़ाई जाएंगी. लेकिन कैबिनेट में समिति की रिपोर्ट नहीं रखी गई. उपनल कर्मचारियों के साथ छलावा कर 2000 से 3000 रुपये मानदेय बढ़ा दिया गया जो पूरी तरह से गलत है. रावत ने बताया कि सरकार आगामी कैबिनेट में उप समिति की रिपोर्ट पर विचार नहीं करती है तो अक्टूबर के अंत में एक बार फिर उपनल कर्मचारी बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे.


आपको बता दें कि उपनल कर्माचरी पहले भी आंदोलन कर चुके हैं. यह आंदोलन उन्होंने अपने मानदेय बढाने, कर्मचारी सेवा समाप्त न करने, हटाए गए कर्माचारी को बहाल करने समेत सात सूत्री मांग के साथ की थी. इस आंदोलन के बाद ही राज्य सरकार ने उनके मानदेय में बढ़ोत्तरी की थी.


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