रिश्वत की भेंट चढ़ी बुजुर्ग महिला की पेंशन, आक्सीजन सिलेंडर के साथ तहसील दिवस पहुंची पीड़िता
Gorakhpur Corruption Case: सीएम योगी के गृह क्षेत्र में रिश्वतखोरी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. न्याय की गुहार लगाने जब पीड़िता ऑक्सीजन सिलेंडर पर पहुंचीं तो अधिकारियों के होश उड़ गए.
Gorakhpur News Today: गोरखपुर में एक बुजुर्ग महिला की पेंशन भ्रष्ट और घूसखोर अधिकारियों की भेंट चढ़ गई. दरअसल, 5 साल पहले विद्युत विभाग के श्रमिक पद से रिटायर्ड एक महिला कर्मचारी की पेंशन सिर्फ इसलिए नहीं बनी क्योंकि उन्होंने घूस मांगने वाले कर्मचारी को रिश्वत नहीं दी. अपनी पेंशन पाने के लिए वे बीते 5 साल से विभाग के चक्कर लगा रही हैं.
रिटायर्ड महिला कर्मचारी की तबियत साल भर से खराब है. इलाज के लिए जब उन्हें पैसों की जरूरत पड़ी तो वे ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ पोते की गोद में तहसील समाधान दिवस में पहुंच गईं. यह देखकर अधिकारियों के भी होश फाख्ता हो गए. मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में इस तरह की घटना चौंकाने वाली थी.
आक्सीजन सिलेंडर पर पहुंचीं रिटायर कर्मचारी
गोरखपुर तहसील सदर के तहसील समाधान दिवस में शनिवार (21 दिसंबर) को एक बुजुर्ग महिला आक्सीजन सिलेंडर के साथ अधिकारियों के सामने न्याय मांगने पहुंचीं. बुजुर्ग महिला ने एसडीएम सदर मृणाली अविनाश जोशी को बताया कि वह विद्युत विभाग विद्युत वितरण खंड प्रथम मोहद्दीपुर गोरखपुर से 5 साल पहले श्रमिक पद से रिटायर हो चुकी हैं.
बुजुर्ग महिला ने एसडीएम सदर को बताया कि रिटायर होने के बाद से ही वह विभाग के चक्कर काट रही हैं. पेंशन की औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए विभाग के कर्मचारियों द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है. यही वजह है कि पिछले 5 सालों से उन्हें पेंशन नहीं मिल पा रही है.
पीड़ित रिटायर्ड कर्मचारी ने बताया कि 1 साल से वह बीमार हैं और बिस्तर पर हैं. उसे ऑक्सीजन भी लगाया गया है. पेंशन नहीं मिलने की वजह से उनका जीवन यापन और इलाज भी ठीक से नहीं हो पा रहा है.
पांच साल से नहीं मिली पेंशन
गोरखपुर के सदर तहसील के सिहोरिया गांव की रहने वाली सुमिरती देवी स्वर्गीय रामवृक्ष यादव की पत्नी हैं. वे विद्युत वितरण खण्ड प्रथम मोहद्दीपुर में श्रमिक पद पर तैनात थीं. 30 अप्रैल 2020 को रिटायर हो गईं. उनके रिटायरमेंट से अब तक उनकी पेंशन नहीं बन पाई है.
सुमिरती देवी जब अधिकारियों के सामने अपनी पेंशन जारी करने की मांग को लेकर पहुंचती हैं तो संबंधित कर्मचारी और अधिकारी उनसे रिश्वत की मांग करते हैं. जिस विभाग में उन्होंने सालों तक सेवा दी, वही विभाग आज जरूरत पड़ने पेंशन के लिए लगभग 5 सालों से दौड़ा रहा है. वह भी सिर्फ इसलिए कि उन्होंने पेंशन के बदले रिश्वत नहीं दी.
'पेंशन न मिलने से हैं परेशान'
सुमिरती देवी के पोते अनिल यादव ने बताया कि दादी की हालत बहुत खराब है, जो आक्सीजन सिलेंडर पर चल रही हैं. उनका जीवन-यापन करना बहुत कठिन हो गया है. विभाग में जाने के बाद कर्मचारी सुनते नहीं हैं. वह रिश्वत मांगते है. इसी से आहत होकर सुमिरती देवी शनिवार (21 दिसंबर) को पोते की गोद में तहसील दिवस में आक्सीजन सिलेंडर के साथ पहुंच गईं.
अनिल यादव ने दादी को गोद में उठाकर रिक्शा में बैठाया और फिर तहसील दिवस में गोद में उठाकर अधिकारियों के सामने पहुंचे. इस दौरान पोते अनिल यादव ने एसडीएम को एप्लीकेशन दिया, जिसके बाद एसडीएम सदर मृणाली अविनाश जोशी ने तत्काल अधिकारियों से बात करके पेंशन बनाने के निर्देश दिए.
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