UPPSC PCS 2022 Result: यूपी पीसीएस परीक्षा में चमके गोंडा के पांच छात्र, पान बेचने वाले की बेटी बनेगी डिप्टी कलेक्टर
UPPSC PCS 2022 Result: मनकापुर के संदीप तिवारी टॉप 10 में हैं. गोंडा में पान बेचने वाले की बेटी ज्योति चौरसिया ने 21वां स्थान हासिल किया है. इसके अलावा तीन और परीक्षार्थियों ने बाजी मारी है.
UPPSC PCS 2022 Exam Result: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 2022 पीसीएस परीक्षा परिणाम बीते दिनों जारी किया है. इसमें गोंडा (Gonda) जैसे छोटे जिलों से पांच प्रतिभागियों ने बाजी मार ली है. इससे जिले में हर्ष का माहौल है. परीक्षा पास करने वाले छात्रों के घरों में तो उत्सव जैसा माहौल है. गोंडा के मनकापुर के रहने वाले संदीप तिवारी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग 2022 की परीक्षा में टॉप 10 की सूची में हैं. दूसरी तरफ गोंडा शहर में पान की गुमटी लगाने वाली की बेटी ज्योति चौरसिया ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 21वां स्थान हासिल कर लिया है. उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हुआ है. इसके अलावा तीन और परीक्षार्थियों ने परीक्षा पास कर गोंडा का नाम रोशन किया है.
पान बेचने वाले की बेटी बनेगी डिप्टी कलेक्टर
हमारे एबीपी गंगा संवाददाता कृष्ण कुमार ने डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित हुई ज्योति चौरसिया से खास बातचीत की है. ज्योति चौरसिया ने बताया है कि अगर किसी प्रतिभागी के मन में लगन हो तो कोई भी परेशानी का सामना करते हुए अपने मुकाम तक पहुंच सकता है. उनके पिता पान की गुमटी लगाते हैं और लगातार तैयारी करने के बाद छठह बार यूपीपीसीएस की मेन और मुख्य परीक्षा को पास करते हुए डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हो गया है. इससे इनके घर में खुशी का माहौल है. लगातार इनके घर पर लोगों के आने का सिलसिला जारी है. ज्योति चौरसिया से मिलकर लोग बधाई देने के साथ उनका मनोबल भी बढ़ा रहे हैं.
क्या कहा ज्योति चौरसिया ने
डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित हुई ज्योति चौरसिया ने एबीपी गंगा संवाददाता से बात करते हुए कहा कि हाई स्कूल से इंटर की परीक्षा पास करने के बाद मैंने गोंडा के एक निजी महाविद्यालय से बीएससी मैथ की परीक्षा पास की. इसके बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी में लग गई. नौ साल की कड़ी मेहनत के बाद छठी परीक्षा में पहली बार ही फ्री मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 21वां स्थान कर मेरा डिप्टी कलेक्टर पद पर चयन हुआ है. मेरा शुरू से सपना था. मैंने बीएससी मैथ से किया था, लेकिन मेरे पास परिवार के पास इतनी इनकम नहीं थी कि मैं बीटेक कर सकूं.
'कई बार आए उतार-चढ़ाव'
ज्योति चौरसिया ने बताया कि सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी के दौरान कई उतार-चढ़ाव आए. लेकिन, परिवार वालों ने हौसला नहीं टूटने दिया. इसके बाद आज मैंने मुकाम हासिल किया है. उसने बताया कि घर वालों बहुत अच्छा लग रहा है. मेरी प्राथमिकता यही होगी कि जो फरियादी हैं, जो पीड़ित हैं तो सीधे हमसे मिले और हम उनकी समस्याओं तो सुनकर उसका समाधान करेंगे. जहां तक राजनीतिक दबाव की बात है तो हमारे यहां कार्यपालिका है. इसी के तहत हर अधिकारी और कर्मचारी काम करता है. ज्योति चौरसिया के पिता ने कहा कि बेटा हो या बेटी, अगर काबिलियत है तो बेटी को भी आगे आने का मौका दिया जाए. मेरी बेटी के अंदर की काबिलियत थी, उसकी मेहनत और सबके आशीर्वाद से बेटी ने मुकाम हासिल किया है.
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