UPPSC Protest Highlights: यूपीपीएससी परीक्षा की नई तारीखों का ऐलान के बाद भी नहीं हटे आंदोलन कर रहे छात्र
UPPSC Protest Highlights: यूपीपीएससी कार्यालय के बाहर अधिकारी ने घोषणा की कि आयोग ने आरओ और एआरओ परीक्षा स्थगित करने और पुराने पैटर्न पर पीसीएस-प्री परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया है.
प्रयागराज में पांच दिनों से लगातार जारी छात्रों के आंदोलन के बाद शुक्रवार को अब UPPSC परीक्षा की नई डेट का ऐलान कर दिया गया है. अब डेट आने के बाद दो पालियों में परीक्षा ली जाएगी. वहीं कुछ छात्र नेताओं ने आंदोलन रोकने का ऐलान किया है.
UPPSC नोटिस के अनुसार, अब परीक्षा 22 दिसंबर को आयोजित की जाएगी. यह परीक्षा दो पालियों में होगी. सुबह 9.30 बजे से 11.30 बजे तक पहली पाली में परीक्षा ली जाएगी. जबकि दूसरी पाली में 2.30 बजे से 4.30 बजे तक परीक्षा ली जाएगी.
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को परीक्षा की नई तारीख का ऐलान कर दिया. आयोग के ओर से नोटिस भी जारी कर दिया गया है. आयोग ने अब 22 दिसंबर को दो पालियों में परीक्षा कराने का फैसला किया गया है. हालांकि पहले यह परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को होने वाली थी.
प्रयागराज में UPPSC दफ्तर के बाहर छात्रों का प्रदर्शन 5वें दिन भी जारी है. आयोग के गेट नंबर 2 के बाहर छात्र-छात्राएं इकट्ठा हैं. इसके साथ ही आयोग के दफ्तर के गेट नंबर 2 पर पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात है.
छात्रों ने अपने प्रदर्शन में ऐसे पोस्टर लगाए हैं जो काफी चर्चा का विषय बने हुए हैं. छात्रों द्वारा लगाए गए पोस्टर में लिखा गया है कि नॉर्मलाइजेशन नहीं चलेगा, वन डे वन शिफ्ट. बटेंगे नहीं हटेंगे नहीं, बिना हवा न पत्ता हिलता है! बिन लड़े न कुछ मिलता है!! जाति धर्म के झगड़े छोड़ो सही लड़ाई से नाता जोड़ो जैसे शब्द लिखे हुए हैं. छात्र अपने हाथ में भी पोस्टर लिए नजर आ रहे हैं, जिसमें लिखा है जीत अभी अधूरी है, जब तक हमें पूरी जीत नहीं मिल जाती है. तब तक हम न तो बटेंगे न कटेंगे और न पीछे हटेंगे.
प्रयागराज में Ro/ARO को लेकर के प्रदर्शन में ढेर सारे पोस्टर भी लगाए गए हैं, छात्र अपनी मांगों को उठाते हुए अलग-अलग पोस्टर के माध्यम से अपनी आवाज उठा रहे हैं. वहीं थाली पीट कर आयोग को जगाने की कोशिश छात्र कर रहे हैं. सुबह का समय है फिलहाल छात्रों की संख्या कम है पर जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ रहा है लगातार छात्रों की संख्या भी बढ़ती जा रही है.
यूपी लोकसेवा आयोग के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन 5वें दिन भी जारी. आज भी सैकड़ों की संख्या में प्रतियोगी छात्र आयोग के दफ्तर के बाहर की सड़कों पर जमा हैं, प्रदर्शनकारी छात्र थाली पीटकर लगातार नारेबाजी कर रहे हैं.
UPPSC परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा UPPSC परीक्षा को लेकर जो छात्र आंदोलनरत थे उनकी मांगों को हमारी सरकार ने मान लिया है, मैं सभी प्रतियोगी छात्रों से मांग करता हूं. सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार छात्रों के साथ है, मैं पहले भी छात्रों के साथ था आज भी छात्रों के साथ हूँ आगे भी छात्रों के साथ रहुंगा.
समाजवादी पार्टी की सरकार के समय जब प्रतियोगी छात्र आंदोलन कर रहे थे मैं वहां उनसे मिलने गया था फिर मेरे ऊपर मुकदमे और मुझे जेल भेजने का काम अखिलेश यादव ने किया था. समाजवादी पार्टी की सरकार के समय छात्र खून के आंसू रो रहे थे. अखिलेश यादव को प्रतियोगी छात्रों के मामले में बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है अच्छा होगा की वह चुप हो जाएं. सपा के गुंडे छात्रों को भटकाने की कोशिश कर रहे थे, अखिलेश यादव को माफी मांगनी चाहिए.
UPPSC परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार द्वारा फैसले में बदलाव पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, "ये सरकार की विफलता है, उनके द्वारा बनाए गए आयोग विफल हैं. सरकार को अपनी कमियों के कारण से झुकना पड़ा. मैं नौजवान साथियों को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उनकी एकता और मजबूती ने सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया."
यूपीपीएससी द्वारा एक दिन में प्रारंभिक परीक्षा कराने पर यूपी के मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, "कोई भी विषय हो, अगर मांग जायज है तो सीएम ऐसे सभी मामलों में त्वरित निर्णय लेते हैं. उन्होंने छात्रों की समस्याओं का संज्ञान लिया और यह निर्णय लिया है."
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने छात्रों के विरोध के बाद एक ही दिन में पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा कराने का फैसला किया है. इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा प्रतियोगी नौजवानों के दबाव में सरकार भले ही अपने तानाशाही भरे के निर्णय पर सोचने को विवश हुई है लेकिन भाजपा सरकार की मंशा अभी भी नौजवानों को रोजगार न देने और नकल माफियाओं को प्रोत्साहन और संरक्षण देने की है. इसीलिए नौजवानों की सभी मांगें नहीं मानी हैं. भाजपा सरकार रोजगार न देने नौजवानों से वादाखिलाफी कर बेनकाब हो चुकी है, भाजपा का चरित्र नौजवान विरोधी है. ऐसे लोग कभी भी नौजवानों के शुभचिंतक नहीं हो सकते जब-जब मौका मिलेंगे यह नौजवानों को डंक मारने का काम करेंगे.
सीएम योगी के दखल पर आयोग ने यूपी PCS 2024 की प्रारंभिक परीक्षा पहले की तरह एक दिन और एक शिफ्ट में कराने का ऐलान किया है. आयोग ने PCS के अभ्यर्थियों की मांग मान ली है, हालांकि RO-ARO 2023 की भर्ती परीक्षा को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है.
प्रयागराज में छात्रों के प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा-"प्रयागराज में प्रतियोगी छात्रों के साथ यूपी सरकार और उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग का रवैया बेहद असंवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण है. नॉर्मलाइजेशन के नाम पर गैर-पारदर्शी व्यवस्था अस्वीकार्य है और एक पाली में परीक्षा की छात्रों की मांग बिल्कुल न्यायपूर्ण है. शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने में जुटी भाजपा सरकार की अक्षमता की कीमत आख़िर छात्र क्यों चुकायें? ‘पढ़ाई’ करने वाले छात्रों को सड़क पर ‘लड़ाई’ करने को मजबूर कर दिया गया है और अब उनका पुलिस के जरिए उत्पीड़न किया जा रहा है. अपने और अपने परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए घर से दूर रहकर साधना कर रहे युवाओं के साथ ये अन्याय हम स्वीकार नहीं करेंगे. हम प्रतियोगी छात्रों की मांग का पूरी तरह से समर्थन करते हैं. उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को तानाशाही से नहीं दबाया जा सकता."
यूपी लोक सेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन के बीच 10 मिनट में आयोग के सचिव गेट नंबर 2 पर आकर छात्रों से बात करेंगे. आयोग के अध्यक्ष संजय श्री नेत की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक खत्म हो गई है. उम्मीद है कि आयोग छात्रों के हक में बड़ा फैसला ले सकता है, प्रतियोगी छात्र वन डे वन शिफ्ट में प्री परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं.
प्रयागराज पहुंचे अखिलेश यादव ने प्रदर्शनकारी छात्रों को लेकर कहा कि बड़ी संख्या में नौजवान आंदोलन कर रहे हैं. यह वह नौजवान है जो कल अधिकारी बनेंगे, इस सरकार ने उन लोगों को भी आंदोलन में झोंक दिया है. इनके एजेंडे में नौकरी, सौहार्द नहीं है. हम लोगों ने इतनी घटनाएं देखी जहां पर इन्होंने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है. यह सरकार जानबूझकर पेपर लीक कराती है.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव यूपी लोक सेवा आयोग के खिलाफ चल रहे प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन के बीच प्रयागराज पहुंचे हैं. अखिलेश यादव के आगमन के मद्देनजर एयरपोर्ट पर सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए हैं. फिलहाल अखिलेश यादव का प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है. अखिलेश यादव को फूलपुर उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी के समर्थन में जनसभा को संबोधित करना है.
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा-"इलाहाबाद में एक आंदोलनकारी दिव्यांग छात्रा की बैसाखी पुलिस ले गयी है… ये खबर बताती है कि भाजपाई और उनकी सरकार कितनी निर्दयी और संवेदनहीन है. ऐसी सरकार को बने रहने का कोई हक नहीं है. भाजपा घमंड के हिमालय पर चढ़ी हुई है. जो जितनी ऊँचाई पर होता है, उसका पतन भी उतना ही नीचे और तेजी से होता है. दिव्यांग कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!"
समाजवादी पार्टी छात्र सभा ने लखनऊ में UPPSC आरओ-एआरओ एग्जम को लेकर प्रदर्शन किया. सपा छात्र सभा ने लखनऊ यूनिवर्सिटी गेट नंबर 1 पर प्रदर्शन किया, इस प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस बल लगाया गया. पुलिस ने समाजवादी पार्टी छात्र सभा के छात्रों को पुलिस की आर्मी बस ले जाकर प्रदर्शन स्थल इको गार्डन छोड़ा.
यूपी लोक सेवा आयोग के खिलाफ चल रहे प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. छात्रों का आंदोलन खत्म कराने के लिए आयोग की उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक शुरू हो गई है. इस बैठक में वन डे वन शिफ्ट में नॉर्मलाइजेशन के बगैर इम्तिहान कराए जाने को लेकर चर्चा हो रही है. 40 से 45 मिनट में आयोग की बैठक खत्म हो सकती है.
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा-"भाजपा की अहंकारी सरकार अगर ये सोच रही है कि वो इलाहाबाद में UPPSC के सामने से आंदोलनकारी अभ्यर्थियों को हटाकर, युवाओं के अपने हक़ के लिए लड़े जा रहे लोकतांत्रिक आंदोलन को ख़त्म कर देगी, तो ये उसकी ‘महा-भूल’ है. आंदोलन तन से नहीं मन से लड़े जाते हैं और अभी तक वो ताक़त दुनिया में नहीं बनी जो मन को हिरासत में ले सके. जुड़ेंगे तो जीतेंगे!"
छात्रों के आंदोलन को लेकर यूपी लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने पीटीआई-भाषा से बात करते हुए बताया था कि ‘‘आयोग का दिशानिर्देश है कि सरकारी शिक्षण संस्थान को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए और केंद्र मुख्यालय से 10 किलोमीटर के दायरे में हो. इससे पूर्व जब पेपर लीक हुआ था तो इन्हीं छात्रों ने मांग उठाई थी कि निजी संस्थानों को परीक्षा केंद्र ना बनाया जाए.”
छात्रों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी और सभी लोक सेवा आयोग गेट पहुंच गए. पुलिस छात्रों के सामने बेबस दिखी. चश्मदीद ने बताया कि दिव्यांग अभ्यर्थी को पुलिस ने लातों से मारा.
बीजेपी नेता धनंजय सिंह ने कहा कि प्रयागराज में प्रतियोगी छात्रों द्वारा हो रहे आंदोलन पर प्रदेश सरकार द्वारा एक कमेटी बनाकर उनकी बातों को गंभीरता से सुना जाना चाहिए, उनकी मांगों पर विचार करते हुए आयोग की विश्वसनीयता और परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाये रखने हेतु बेहतर सुझावों का स्वागत करना चाहिए।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा- उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. हमारी प्राथमिकता है कि सभी प्रतियोगी परीक्षाएं पारदर्शी और निष्पक्ष हों, मानकीकरण की समस्या का भी समाधान हो, जिससे हर योग्य उम्मीदवार को उसका हक मिले.
डिप्टी सीएम ने लिखा- दुर्भाग्यपूर्ण है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने कार्यकाल के काले कारनामे भूलकर राजनीतिक लाभ के लिए छात्रों की भावनाओं का राजनीतिकरण कर रहे हैं. “सूप बोले तो बोले, चलनी भी बोले जिसमें बहत्तर छेद हैं” – आंदोलन की आड़ में माहौल बिगाड़ने की इनकी कोशिशों को समझदार प्रतियोगी छात्र भली-भांति समझते हैं. इस रुख के साथ सपा का “समाप्तवादी पार्टी” बनना तय है.
उन्होंने लिखा- योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार छात्रों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए संवाद के माध्यम से हर संभव प्रयास कर रही है. हम युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के प्रति दृढ़ हैं, और सक्षम अधिकारी छात्रों के साथ समन्वय स्थापित कर समाधान सुनिश्चित करेंगे. युवा प्रदेश का भविष्य हैं, और भाजपा उनकी हर आकांक्षा के साथ मजबूती से खड़ी है.
UPPSC Protest Live: गेट नंबर 2 के सामने जहां सोमवार सुबह से धरना चल रहा है वहां अभी भी 50-60 की संख्या में छात्र धरना स्थल पर मौजूद है. बाकी इस पूरी लेन को चारों तरफ से बैरिकेड लगाकर रोक दिया गया है .इस रास्ते में अब किसी भी छात्र को आने की अनुमति नहीं दी जा रही है . इस कारण अब बाकी छात्र गेट नंबर 4 के पहले लगे बैरिकेड के पहले पर इकट्ठा होकर अपना प्रदर्शन जारी रखें हैं.
डीसीपी सिटी अभिषेक भारती ने कहा कि आंदोलन के बीच में कुछ अराजक तत्व आ गए थे इस कारण वहां से उनको हटाया गया. कुछ 3-4 की संख्या में अराजक तत्वों को हिरासत में लिया गया है. यहां पर्याप्त संख्या में पुलिस बल महिला, बल तैनात है. छात्रों से अपील की जा रही है कि वह सिविल लाइन स्थित चिन्हित जो धरना स्थल है वहां जाकर अपनी बात रखें.
प्रयागराज में UPPSC कार्यालय पर गहमा गहमी का माहौल है. UPPSC आयोग के दफ्तर के चारों तरफ बैरिकेडिंग लग गई है. प्रदर्शनकारी छात्र अब वहां तक नहीं पहुंच पाएंगे. बैरिकेडिंग तक आने वाले छात्रों को पुलिस घसीट रही है. किसी को भी अंदर-बाहर आने-जाने की इजाजत नहीं है.
मौके पर मौजूद पुलिस बल छात्रों से धरना स्थल पर जाने की बात कह रहे हैं. पुलिस छात्रों को कह रही है, ये कोई धरने की जगह नहीं, वो धरना स्थल के लिए चिन्हित स्थान पर जाएं.
आज चौथे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी है. हालांकि जिस गेट नंबर 2 और 3 के बाहर में प्रदर्शन हो रहा था छात्रों को वहां से हटा दिया गया है . अब छात्रों को गेट नंबर 4 से 10 मीटर दूर रोक दिया गया है, बड़ी संख्या में पुलिस बल यहां तैनात है. बैरिकेड लगा दिया गया है और छात्रों को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के रास्ते पर भी जाने नहीं दिया जा रहा है. पुलिस के द्वारा यह अपील की जा रही है कि छात्र जो धरना स्थल की जगह है वहां पर जाकर अपना प्रदर्शन करें. छात्रों ने बताया कि सुबह किस तरीके से उनके आंदोलन को खराब किया गया
छात्राओं में से एक ने कहा कि बिना महिला पुलिस के एक्शन किया गया. मौके पर महिला पुलिस नहीं थीं. यह गलत है. वहीं एसीपी वरुण कुमार ने कहा कि आप निश्चित धरना स्थल पर जाएं. इससे आगे न बढ़ें. यह कोई तरीका नहीं है.
चश्मदीद छात्र ने कहा कि पुलिस और एसटीएफ के लोग सिविल ड्रेस में आए. हम लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन कुछ पुलिस वाले बच्चों को गिरफ्तार कर रहे हैं, हिरासत में ले जा रहे हैं.
गुरुवार सुबह 6 बजे पुलिस और एसटीएफ के जवान सिविल ड्रेस में गए और छात्रों को हटाया गया. छात्रों को गेट नंबर 2 से गेट नंबर 3 पर भेज दिया गया. इसके बाद छात्रों का हुजूम गेट नंबर 4 पर स्थित चौराहे पर है.
उप्र लोकसेवा आयोग के खिलाफ आंदोलित छात्रों के आंदोलन का आज चौथा दिन है. सुबह सुबह पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छात्रों से सड़क खाली करने को कहा. इस दौरान पुलिस ने बिना लाठीचार्ज के छात्रों को हटाने की कोशिश की.
बैकग्राउंड
UPPSC Protest Highlights: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने अभ्यर्थियों की मांगों को स्वीकार करते हुए बृहस्पतिवार को समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा स्थगित कर दी और प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस)- प्रारंभिक परीक्षा को पुराने पैटर्न पर आयोजित करने की घोषणा की. आयोग ने आरओ और एआरओ परीक्षाओं के लिए एक समिति बनाने की भी घोषणा की.
यूपीपीएससी कार्यालय के बाहर एक अधिकारी ने घोषणा की कि आयोग ने आरओ और एआरओ परीक्षा स्थगित करने और पुराने पैटर्न पर पीसीएस-प्री परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया है. एक पाली में परीक्षा आयोजित करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी यूपीपीएससी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.
पीसीएस-प्री परीक्षा पहले की तरह आयोजित करने की घोषणा से कुछ अभ्यर्थियों में खुशी है, वहीं आरओ-एआरओ की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी कुछ निराश नजर आए. अभ्यर्थी राहुल पांडे ने कहा कि आरओ-एआरओ परीक्षा पर वांछित फैसला होने तक छात्र आंदोलन जारी रखेंगे. पांडे ने कहा, ''हमें इस घोषणा पर भरोसा नहीं है क्योंकि इस संबंध में आयोग की वेबसाइट पर कोई आधिकारिक सूचना अपलोड नहीं की गई है.''
एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा कि सरकार 'फूट डालो और राज करो' की नीति पर चल रही है. उन्होंने इसे पक्षपातपूर्ण निर्णय बताते हुए कहा कि ऐसा इसलिये किया गया है ताकि पीसीएस-प्री के अभ्यर्थी यहां से चले जाएं.
(पीटीआई भाषा इनपुट के साथ)
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